बलिया के तत्कालीन डीएम जे निगम पर लिखी की पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में सुनाई गई 1942 की क्रांति की गाथा

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– आजादी का अमृत महोत्सव

बलिया, 07 अगस्त (हि. स.)। सन 1942 में आजाद होने वाले जिलों में शुमार बलिया के तत्कालीन जिलाधिकारी जगदीश्वर निगम की पुत्री द्वारा लिखित पुस्तक ”द एडमिनिस्ट्रेटर” का विमोचन रविवार को देश की राजधानी दिल्ली स्थित होटल मौर्या आईटीसी में किया गया। यह कार्यक्रम आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में आयोजित किया गया।

तत्कालीन डीएम जे निगम पर लिखी यह पुस्तक 1942 के आंदोलन के दौरान बागी बलिया के क्रांतिवीरों की गाथा दुनिया के सामने लाने के एक प्रयास के तौर पर देखी जा रही है। कार्यक्रम में मौजूद सांसद वीरेन्द्र सिंह मस्त ने बताया कि इस कार्यक्रम के दौरान ज़िलाधिकारी निगम की नतनी मोंटीगोरो की राजदूत जेनिस दरबारी ने बलिया से जुड़ी ऐतिहासिक घटनाओं का जिक्र किया। इस दौरान कई देशों के राजदूतों द्वारा अपने पूर्वजों द्वारा सुनाए गए अनुभवों को साझा किया गया। जिसमें बलिया की कई ऐतिहासिक घटनाओं का वर्णन था। उल्लेखनीय है कि भारत छोड़ो आंदोलन में बलिया के लोगों का जनाक्रोश देख तत्कालीन डीएम जे निगम ने जिला कारागार के गेट खोलकर सभी बंदी स्वतंत्रता सेनानियों को रिहा कर दिया था। बाद में शेरे बलिया के नाम से मशहूर हुए चित्तू पांडे यहां के पहले जिलाधिकारी बने थे। अंग्रेजी हुकूमत के समानांतर बलिया में 14 दिनों तक सरकार चली थी।