-अपने पूर्वजों के नाम पर करा सकते हैं स्कूल कक्ष, बारात घर ऑडिटोरियम,व्यामशाला का निर्माण
गाजियाबाद,16 जुलाई (हि.स.)। पंचायती राज विभाग ने ग्रामीण परिवेश से निकलकर देश के विभिन्न शहरों व विदेश में रहने में साधन संपन्न लोगों को अपने गांव का विकास करने में सहयोग करने का शानदार मौका दिया है। यह साधन संपन्न व्यक्ति अपने किसी बुजुर्ग के नाम या किसी महापुरुष के नाम पर विकास कार्य करा सकता है। इसमे स्कूलों, इंटर कॉलेज की कक्षाओं का निर्माण से लेकर सामुदायिक भवन, मैरिज हॉल स्किल सेंटर, प्राथमिक चिकित्सा केंद्र, ऑडिटोरियम, व्यामशाला, अंत्येष्टि स्थल के निर्माण आदि को शामिल किया गया है। इस विकास कार्य में सरकार उसको प्रोजेक्ट की कुल लागत का 40प्रतिशत धनराशि उपलब्ध कराएगी जबकि 60प्रतिशत धनराशि उसे खुद कर करनी होगी।
जी हां, सरकार ने इस योजना का नाम उत्तर प्रदेश मातृभूमि योजना रखा है। जिला पंचायत राज अधिकारी प्रदीप कुमार द्विवेदी ने इस योजना के तहत साधन संपन्न लोगों को प्रेरित करने के लिए खंड विकास अधिकारियों की टीम का गठन किया है, ताकि इस तरह के लोग आकर इस काम में अपना योगदान दे सकें।
उत्तर प्रदेश मातृभूमि योजना को लेकर शासनादेश पूर्व में ही जारी हो चुका है लेकिन एक बार फिर इसको लेकर पंचायत राज विभाग गंभीरता से काम कर रहा है। जिला पंचायत राज अधिकारी प्रदीप कुमार द्विवेदी ने बताया कि इस योजना के तहत जो लोग ग्रामीण परिवेश से निकलकर देश के विभिन्न शहरों और विदेशों में कार्यरत हैं या गांव में भी रह रहे हैं और यह लोग अपने गांव में विकास में अपना योगदान देना चाहते हैं तो उनके लिए यह बेहतरीन प्लेटफार्म है।
श्री द्विवेदी ने बताया कि जो लोग निजी संस्था किसी ग्राम पंचायत में विकास कार्य अवस्था अथवा सुविधा का विकास पंचायत राज अधिनियम की धारा 15 के अंतर्गत अनुमन्य ग्राम पंचायतों में विकास कराना चाहते हैं और कार्य की लागत का 60प्रतिशत धनराशि वहन करने की इच्छा रखते हैं तो इस कार्य के लिए 40प्रतिशत धनराशि उन्हें प्रदेश सरकार उपलब्ध कराएगी। सरकार इस सहयोग के लिए उनका शिला पर लेख व्यक्ति या संस्था के प्रस्तावना के मुताबिक संबंधित भवन या अवस्था अपना सुविधा के ऊपर यथोचित स्थान पर प्रदर्शित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि निजी निवेश तकनीकी सहयोग और सुपरविजन उपलब्ध होने से कार्य की गुणवत्ता में भी बढ़ोतरी होगी । यह एक बेहतरीन समाज सेवा भी होगी।
-मातृभूमि योजना के अंतर्गत कराए जा सकते हैं यह कार्य
स्कूलों में इंटर कॉलेज की कक्षाओं का निर्माण या स्मार्ट क्लासेस की स्थापना व उनका संचालन,सामुदायिक भवन विवाह के लिए बारातघर, स्किल सेंटर का निर्माण या संचालन प्राथमिक चिकित्सा केंद्र उक्त चिकित्सा केंद्र, साज सज्जा अन्य उपकरण, आंगनवाड़ी मध्याह्न भोजन का रसोईघर, भंडारण गृह, पुस्तकालय, ऑडिटोरियम,खेलकूद स्टेडियम के लिए व्यायाम शाला, उपकरण, ओपन जिम, सीसीटीवी कैमरा,सर्विलांस सिस्टम, पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम,अंत्येष्टि स्थल का निर्माण या विकास,जल उपचारण की व्यवस्था, सीवरेज या एसटीपी सिस्टम, ड्रेनेज सिस्टम, सॉलि़ड वेस्ट मैनेजमेंट, तालाब का सुंदरीकरण, ड्रेनेज व्यवस्था जल संरक्षण ,बस स्टैंड, यात्री शेड,सोलर एनर्जी, स्ट्रीट लाइट, पेयजल व्यवस्था, एलईडी लाइट, पशु सुधार नस्ल केंद्र की स्थापना या संचालन, फायर सर्विस स्टेशन की स्थापना, साधना ग्रामीण के लिए सुविधाएं मार्केटिंग की व्यवस्था, दुग्ध संग्रह केंद्र, बल्क मिल्क कूलर, समितियों का विकास चारागाह विकास, गरीबी उन्मूलन के लिए कार्य एवं सस्ते निबंध की प्राप्ति के लिए कार्य क्या अन्य विकास कार्य कराए जा सकते हैं।
उन्होंने बताया कि इस योजना को प्रभावी ढंग से मूर्त रूप देने के लिए उत्तर प्रदेश मातृभूमि सोसाइटी का गठन किया जाएगा जिसमें अधिकृत समिति बनाई जाएगी। उन्होंने बताया कि साधन संपन्न लोगों को प्रेरित करने के लिए जिला स्तर पर खंड विकास अधिकारियों व अन्य संबंधित लोगों कहा गया है कि वे संपर्क करें ताकि ग्रामीण क्षेत्र में विकास और तेजी से हो सके।