हरिद्वार, 24 जुलाई (हि.स.)। भगवान शिव का प्रिय महीना सावन चल रहा है। इसके साथ ही कांवड़ यात्रा भी जारी है। इस समय धर्मनगरी हरिद्वार बम-बम भोले के जयघोष से गुंजायमान है। जहां एक ओर कांवड़िये शिवभक्ति में रमे हैं तो दूसरी ओर देशभक्ति को नहीं भूले हैं। यहां कांवड़िये अपने साथ तिरंगे को लेकर चल रहे हैं। साथ ही झांकी भी निकाल रहे हैं, जिसमें देशभक्ति बखूबी झलक रही है।
दो साल बाद बिना किसी पाबंदी के कांवड़ यात्रा शुरू हुई है। अभी तक 2 करोड़ 80 लाख से भी ज्यादा कांवड़िये हरिद्वार से गंगाजल भर चुके हैं। इस बार कांवड़ियों में भारी उत्साह भी देखने को मिल रहा है। हजारों की तादाद में कांवड़िये गंगाजल भरकर रवाना हो रहे हैं। इस बार कांवड़िये शिवभक्ति के साथ देशभक्ति को भी साथ लेकर चल रहे हैं।
कांवड़ में तिरंगे के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तस्वीर वाली झांकियां निकाल रहे हैं। कांवड़ियों का कहना है कि हमारे लिए देशभक्ति उतनी जरूरी है, जितनी भोले की भक्ति। इसलिए उन्होंने कांवड़ पर तिरंगा झंडा लगाया है, जिससे देश में एकता का संदेश दिया जा सके। कांवड़ के दौरान अलग-अलग राज्यों से कई कांवड़िये आते हैं। ऐसे में तिरंगा झंडा लगाकर एकता का संदेश सभी कांवड़ियों की ओर से दिया जा रहा है।
देशभक्ति के साथ हिन्दू मुस्लिम एकता की मिसाल इस बार हरिद्वार कांवड़ में देखने को मिल रही है। बागपत से आए बाबू खान लगातार कांवड़ यात्रा कर रहे हैं। बाबू खान ने बताया कि दो साल से कोरोना होने के कारण से यात्रा नहीं कर पाए, लेकिन सबसे पहले उन्होंने भगवान भोलेनाथ की कांवड़ उठाई है। उन्होंने कहा कि अब वो माता पार्वती और भगवान गणेश की कांवड़ उठाकर अपने गांव बागपत जाएंगे। उन्होंने यात्रा का उद्देश्य बताया कि वो पूरे देश को हिन्दू-मुस्लिम के एक होने का संदेश देना चाहते हैं।
गौरतलब है कि देश की सबसे बड़ी पदयात्रा कांवड़ यात्रा जारी है। साल में दो दफा लगने वाले इस कांवड़ मेले में सबसे ज्यादा संख्या सावन के महीने में देखने को मिलती है। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए श्रद्धालु शिवालयों, मंदिरों और गंगा घाटों पर पहुंचते हैं। यहां से जल भरकर भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं। ति