कानपुर, 04 जून (हि.स.)। इन दिनों वातावरण का तापमान 45 डिग्री सेंटीग्रेड के ऊपर चल रहा है। इस कारण दुधारु पशुओं का दुग्ध उत्पादन तेजी से कम होना शुरु हो गया है। दोपहर में बाहर चरने वाले पशुओं में हीट स्ट्रोक के कारण मरने की आशंका काफी बढ़ गयी है। ऐसे में उचित प्रबंधन कर पशुओं को विशेष ख्याल रखा जाये। यह बातें शनिवार को वैज्ञानिक डॉ सीके राय ने कही।
चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के अधीन संचालित अनौगी स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के पशुपालन वैज्ञानिक डॉ सी के राय ने ने गर्मी से बेहाल पशु चारा दाना कम खाता है जिस कारण वह काफी कमजोर हो जाता है। लू का प्रकोप ज्यादा हो जाने पर काफी संख्या में पशु मर भी जाते हैं। अतः ऐसे में आवश्यक है कि इस भीषण गर्मी में पशुओं को रखरखाव सही तरीके से किया जाए तो गर्मी के प्रभाव से पशुओं को बचाते दुग्ध उत्पादन को बनाये रखा जा सकता है।
उन्होंने बताया कि गर्मी से बचाव के लिए पशुओं का आवास उत्तर-दक्षिण दिशा में स्वच्छ एवं हवादार बना होना चाहिए। पशुशाला की छत ऊंची बनवानी चाहिए। खिड़कियों तथा दरवाजों पर जूट के बोरों को लटका देना चाहिए तथा दोपहर के समय पशुओं को किसी छायादार जगह अथवा पेड़ के नीचे बांधना चाहिए। पशुशाला के अंदर तथा बाहर पीने के पानी की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए, ताकि पशु अपनी आवश्यकतानुसार पानी समय-समय पर पीता रहे एवं उसे पानी की कमी न होने पाए। पशुओं को चरने के लिए सुबह जल्दी भेजना चाहिए।
उन्होंने बताया कि गर्मियों में पशुओं को अधिक ऊर्जा देने वाले खली, दाने (जैसे चने की भूसी, बिनौले की खली ज्यादा न खिलाकर उसके स्थान पर मक्के का दलिया, चोकर, जौ का दलिया तथा सरसों की खली इत्यादि की मात्रा बढ़ा देनी चाहिए ताकि पशु के शरीर में ज्यादा गर्मी न पैदा हो। उन्होंने बताया कि गर्मियों में पशुओं को पर्याप्त मात्रा में हरे चारे के लिए लोबिया, मक्का संकर, बाजरा, शंकर नेपियर इत्यादि हरे चारे की फसलें बो लेनी चाहिए। यह सभी हरे चारे गेहूं के भूसे के साथ मिला कर खिलाने पर काफी लाभदायक होते हैं। हरे चारे के अभाव में भूसे की सानी बना कर खिलाना चाहिए। गर्मियों में सानी में 30 से 40 ग्राम खाने वाला नमक मिलाने पर चारे का स्वाद बढ़ जाता है। ध्यान रहे कि पशुओं को हमेशा नरम, ताजा एवं स्वादिष्ट चारा ही खिलाएं। खनिज लवणों की पूर्ति के लिए पशुओं को 50 ग्राम खनिज मिश्रण अवश्य देना चाहिए।