झाबुआ: जिले के पिटोल में बनाया गया पक्षियों के लिए छह मंजिला आवास

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झाबुआ, 8 मई (हि.स.)। मूक प्राणियों की सेवा करना ही मनुष्य का सबसे बड़ा धर्म है। इस कथन को चरितार्थ करते हुए पशु पक्षियों के प्रति दया भाव रखकर भीषण गर्मी और बरसात में उनके आहार-पानी की व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए जैन सम्प्रदाय झाबुआ के जीवदया प्रेमी लीलाबाई शांतिलाल भंडारी एवं उनके परिवार ने ग्राम पिटोल के समीप पक्षियों के लिए छह मंजिला आवास बनाया गया है, जिसकी ऊंचाई 60 फीट है। पक्षियों का यह वृहदाकार बसेरा संभवतः मालवांचल का पहला जीवदया का स्थाई प्रकल्प है। पक्षियों के इस आवास को मधुकर पक्षी घर नाम दिया गया है।

पक्षियों का यह आवास जिले के गुजरात प्रान्त की सीमा से लगे ग्राम पिटोल के पास शांति लीला जैन विहार धाम के समीप फोरलेन से लगे क्षेत्र में बनाया गया है। टावर के रूप में बनाए गए इस पक्षी घर का निर्माण इस तरह किया गया है कि उसमें पक्षियों को सुरक्षित रूप से प्राकृतिक वातावरण मिलता रहे। करीब 60 फीट ऊंचाई के इस टावर को बनाने में 6 लाख रुपये की लागत आई तथा 6 मंजिल के इस टावर में 360 पक्षी घर है, जिसमें 1000 से 1200 पक्षी सुरक्षित रूप से निवास कर सकते हैं।

जीवदया परिवार के पक्षी प्रेमी जय भंडारी ने पक्षियों के निमित्त निर्मित किए गए पक्षियों के इस रैन बसेरे के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि भीषण गर्मी और बरसात के मौसम में पक्षियों के लिए आवास और दाना पानी के निमित्त मधुकर पक्षी घर का निर्माण किया गया है। बर्ड हाउस के इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में अहिल्या रीज़न, इन्दौर की संस्था जेएसजी के चेयरमैन सपन नाहटाजी का मार्गदर्शन एवं सहयोग हमें प्राप्त हुआ। यह बर्ड हाउस 60 फ़ीट ऊंचा सीमेंट-कांक्रीट का टॉवर 6 मंज़िला है और इसकी प्रत्येक मंजिल पर 60 पक्षी घर बनाए गए हैं। इस तरह पूरे टावर में कुल 360 पक्षी घर बने हैं। जिसकी कुल लागत 6 लाख रुपये आई है। पक्षी घर में एक साथ 1000 से 1200 पक्षी सुरक्षित रूप से बैठकर दाना चुग सकते हैं। पक्षियों के अंडे व छोटे बच्चे इस टावर में बने आशियाने में सुरक्षित रह सकें, इसके लिए टॉवर के निचले हिस्से पर ग्लॉसी टाइल्स लगाई गई है, ताकि साँप व अन्य जानवर इस बसेरे में जाकर उन्हें कोई हानि न पहुंचा सके। साथ ही राउंड फेंसिंग लगाने से अन्य जानवर भी इस पक्षी घर में प्रवेश नहीं कर सकेंगे। परिणामस्वरूप पक्षी निर्भयता पूर्वक यहां निवास कर सकेंगे।