अनूपपुर, 31 मई (हि.स.)। प्रदेश में लगातार पड़ रही गर्मी और आसमान में छा रहे काले बादलों से जल्द ही मानसून की सक्रियता की संभावनाएं जताई जा रही है। वहीं मौसम वैज्ञानिकों ने भी इस वर्ष बेहतर मानसून के आसार बताए हैं। जिसे देखते हुए अब किसानों ने अपने खेतों की ओर रूख करते हुए खरीफ फसलों की बुवाई की तैयारी जोर-शोर से आरंभ कर दी है।
फिलहाल किसानों ने खेतों में जैविक खादों को छिड़काव करते हुए उसकी जुताई आरंभ की है, ताकि तपिश भरी धूप में बचे खर-पतवार सूख जाए और नीचे की मिट्टी को हवा और धूप लग जाए। वहीं किसान यह भी आशाएं पाल रखी है कि अगर प्री-मानसून की बौछार गिरती है तो खेतों में नमी बनेगी और फिर भी छिटवा बीज की बुवाई सहित खेतों में रोपा लगाने थरहा की नर्सरी भी तैयार की जा सकेगी। लेकिन जिस रफ्तार से किसानों ने खेतों की तैयारी आरंभ की है,उसके अनुरूप जिले में बुवाई के दौरान खादों की पड़ने वाली आवश्यक मात्रा अनुसार भंडारण की कमी नजर आ रही है। वहीं विभाग की दलील हैं कि वर्तमान में डबल लॉक और सोसायटियों में 1372 एमडी खाद का भंडार है, और आवश्यकताओं को पूरा करने लगभग 10 हजार एमटी खाद की डिमांड की गई है। जिसमें किसानों को खाद की कमी नहीं होने दी जाएगी।
10,600 एमटी की डिमांड
विभाग की मांग पर कलेक्टर अनूपपुर ने भी शासन को पत्राचार कर जिले के लिए तत्काल 5000-5000 मीट्रिक टन यूरिया और डीएपी खाद उपलब्ध कराने की मांग रखी है। ताकि वर्तमान खरीफ की फसल में छिटवा कर धान, सोयाबीन, मक्का, उड़द जैसी फसलों की बुआई करने वाले किसानों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े। और बिचौलियों की आड़ में नकली खाद का उपयोग करने बचाया जा सके।
कृषि उपसंचालक एनडी गुप्ता ने बताया कि जिले के चारो विकासखंड में खादों की उपलब्धता है। वर्तमान में यूरिया 800.255 एमटी, डीएपी 481.440 एमटी, एमओपी 37.600 एमटी, एनपीकेएस की मात्रा शून्य है, जबकि एसएसपी की कुल मात्रा 52.950 एमटी है। इसके अलावा डिमांड के रूप में 5000 एमटी डीएपी, 5000 एमटी यूरिया, 400 एमटी सुपर फॉस्फेट, और 200 एमटी एमओपी की रखी गई है।
खाद की कमी से विलंब हो गई थी बुवाई, समय पर नहीं लगा रैक
जिले में पिछले वर्ष खरीफ की बुवाई में 15-20 दिनों की विलंबता हुई थी। इसका मुख्य कारण पूर्व भंडारित कम मात्रा की खाद प्रथम चरण की बुवाई में ही समाप्त होना था। वहीं विभाग की डिमांड में शहडोल में लगने वाला रैक भी काफी दिन की विलंबता में लगा था। इसके अलावा राजेन्द्रग्राम-अनूपपुर मार्ग के किररघाट में मार्ग के क्षतिग्रस्त होने के कारण परिवहन की सुविधा प्रभावित हो गई थी। जिसके कारण पुष्पराजगढ़ के 119 ग्राम पंचायत के हजारों किसानों को खाद की किल्लत से जूझना पड़ा था। किसानों ने बताया कि पिछले वर्ष खादों की कमी से सबक लेते हुए विभाग को डबल लॉक सहित सोसायटियों में अभी से खादों की भरपूर मात्रा भंडारित कर देनी चाहिए। क्योंकि बुवाई के बाद लगभग 20-22 दिनों बाद यूरिया की आवश्यकता पड़ती है। अगर बुवाई के दौरान ही खादों की कमी पड़ेगी तो इससे बुवाई का काम प्रभावित होगा। साथ ही किसानों की जेब पर अतिरिक्त भार बढ़ता है।
कृषि उप संचालक एनडी गुप्ता ने बताया कि अभी डबल लॉक और सोसायटी में खादों की मात्रा है, बुवाई में अभी विलंबता है। कमी की पूर्ति के लिए डिमांड में 10 एमटी खाद की सूची भेजी गई है। जरूरत पड़ने पर और खाद मंगवाए जाएंगे, किसानों को खाद की कमी नहीं होने दी जाएगी।