रतलाम: चित लगाकर शिवपुराण का श्रवण करें तो भगवान शिव उन पर प्रसन्न होंगे: पं. मिश्रा

Share

रतलाम, 23 अप्रैल (हि.स.)। प्रसिद्ध कथावाचक पं.प्रदीप मिश्रा की शिवपुराण कथा के प्रथम दिन प्रवचन स्थल पर जनसैलाब उमड़ा। पाण्डाल छोटा पड़ गया। स्वयं पंडितजी ने कहा कि पांडाल को थोड़ा बड़ा किया जाए ताकि भक्तजन को परेशानी न हो। उन्होंने कहा कि कथा में आओ तो अपनी राज सत्ता,धन वैभव, एश्वर्य एवं विलासिता छोड़कर आए तथा चित लगाकर शिवपुराण का श्रवण करें तो निश्चित रुप से उन पर भगवान शिव प्रसन्न होंगे।

उन्होंने कहा कि कोई व्यक्ति कितना भी बुरा करें, गालियां दे उसके मुंह नहीं लगे। चुपचाप मुंह पर कपड़ा रखकर निकल जाए, गाली देने वालों को कर्मफल अवश्य मिलेगा और यहीं पर मिलेगा। जो भी व्यक्ति नशाखोरी के गलत मार्ग की ओर अग्रसर हो, आपकों उसकी थोड़ी भी भनक लग जाए तो उसे शिव मंदिर ले आओ और उसे भगवान शिव पर एक लौटा जल चढ़ाने का कहे। निश्चित रुप से एक माह के भीतर वह व्यक्ति बुरी संगत से दूर हो जाएगा।

इस कथा के आयोजन से रतलाम क्षेत्र के लोग काफी प्रसन्न है। उन्हें ऐसा लग रहा है जैसे दीपावली आई हो। उन्होंने यह भी कहा कि निश्चित रुप से सत्संग की कमाई कभी व्यर्थ नहीं जाएगी। सत्संग की पुंजी कभी समाप्त नहीं होगी। भगवान के जाप जैसे भी बझो वह सब तुम्हारे सामने ही आएगा। जिंदगी के कई मोड़ आएंगे, लेकिन इस मोड़ पर हमें अहंकार का परित्याग करना होगा।

भजन की प्रस्तुति पर सामुहिक शिव भक्त विशेषकर महिलाएं नृत्य करती नजर आई। पं.मिश्रा ने कहा कि 29 अप्रैल को शिवरात्रि आ रही है। किसी भी शिव मंदिर में जाकर जल चढ़ाएं यह आपके और आपके परिवार की सुख,समृद्धि, धनवैभव एवं मनोकामना पूर्ण करेगा। कथा के पूर्व विधायक चैतन्य काश्यप एवं आयोजन समिति के सदस्यों ने पं.मिश्राजी का शाल,श्रीफल,पुष्पमाला अर्पित कर सम्मान किया।

पहले दोपहर 2 से 5 बजेे तक हरथली फंटा कनेरी कथा स्थल पर कथा का समय निर्धारित किया गया था, लेकिन बाद में समय परिवर्तित कर दोपहर 1 से 4 बजे तक किया गया है। आज ठीक समय पर कथा प्रारंभ हुई और निर्धारित समय पर ही कथा का विराम हुआ।