मंदसौर, 23 अप्रैल (हि.स.)। काला सोना मतलब अफीम की खरीदी शुरु हो गई है, लेकिन सीपीएस पद्धति में आने वाले किसानों की अफीम पच्चीस अप्रैल से खरीदी जाएगी। इसके लिए उन्हें दो सौ रुपए प्रतिकिलो मान से राशि का भुगतान होगा। खरीदी पहले ही शुरु हो चुकी है, लेकिन अभी चीरा लगाने वाले किसानों की ही अफीम खरीदी का काम किया जा रहा है।
बता दें कि डोडों की खरीद कार्यक्रम को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। अब साफ हो गया है कि 25 अप्रेल के बाद डोडों की खरीद शुरू इन्हीं अफीम तौल केंद्रों पर की जाएगी। अफीम तौल के लए संचालित तौल केंद्रों पर किसान अपना डोडा नारकोटिक्स विभाग को देंगे। विभाग सभी औपचारिकताएं पूर्ण कर डोडो को बैगों में भर फैक्ट्री में भेजेगा। फैक्ट्री में पर्याप्त स्थान की उपलब्धता नहीं होने पर वेयर हाउस में भी डोडों को रखा जा सकता है।लंबे इंतजार के बाद ही सही लेकिन सीपीएस सिस्टम में अफीम की खेती करने वाले काश्तकारो को मिलने वाली राशि तय हो गई है। सीपीएस में आने वाले अफीम काश्तकारो को 200 रुपए प्रतिकिलो के मान से राशि का भुगतान होगा। खेतों से किसानों ने डोडे 8 इंच तक काटकर भले ही संभाल रखे हो लेकिन अब इसी माह के अंत में विभाग उन्हें लेने के काम की शुरुआत करेगा, लेकिन कट्टों में लेना है या किस प्रक्रिया के तहत डोडो को लेना है उसका पूरा सर्कुलर अभी अधिकृत रुप से आना बाकी है। लेकिन यह तय है कि 24 अप्रेल तक नारकोटिक्स विभाग द्वारा चीरे वाले अफीम का तौल किया जा रहा है। इसके बाद सीपीएस में बिना चीरा लगे वाले डोडे को लेने का काम किया जाएगा। इसके लिए सर्कुलर का इंतजार है, लेकिन तैयारियां की जा रही है। इधर किसान भी कई दिनों से इसका इंतजार कर रहा है।
इतिहास में पहली बार सीपीएस का प्रयोग हुआ है। आंकड़ों में सीपीएस में जिनके पट्टें पिछले सालों में कटे उन्हें पट्टें इस सिस्टम में मिल तो गए लेकिन किसानों को सीपीएस का यह सिस्टम पूरी तरह रास नहीं आया। नीति आने से लेकर अब तक किसान इसका विरोध ही करते रहे। अफीम फसल वर्ष 2021-22के लिए सरकार ने परंपरागत रूप से अफीम डोडों पर चीरा लगा कर अफीम निकालने के अलावा पहली बार सीपीएस पद्धति के अंतर्गत डोडों पर चीरा नहीं लगाने की शर्त पर भी अफीमकाश्त के लिए लायसेंस जारी किए थे इसमें जिले के किसानों ने खेती की। लेकिन सालभर ही असंमस में विभाग और किसान रहे। विभाग की जानकारी के अनुसार अफीम उत्पादक प्रदेश में 6594 किसानों के साथ राजस्थान एवं उत्तरप्रदेश को मिला कर कुल 9930 किसानों को नवीन प्रक्रिया के तहत 6-6 आरी क्षेत्र के के पट्टे दिए गए है।
हिन्दुस्थान समाचार/अशोक झलौया