पलवल, 05 मार्च (हि.स.)। पलवल जिले के गांव पृथला स्थित बनीवाले मंदिर के पास जोहड़ में नहाते समय डूबने से दो बच्चों की मौत हो गई। डूबे बच्चों में एक 10 और दूसरा 11 साल का है। दोनों बिहार के खगड़िया जिला के रहने वाले हैं, जो फिलहाल गांव हरफली में रह रहे थे।
डीएसपी अनिल कुमार ने शनिवार को बताया कि बिहार के खगड़िया जिला निवासी विनोद मिश्रा और मधुसूदन अपने परिवार के साथ हरफली गांव के नजदीक बनी एक कॉलोनी में रहते हैं। विनोद मिश्रा का 10 वर्षीय बेटा प्रिंस और मधुसूदन का 11 वर्षीय बेटा यश जोहड़ में नहाने के लिए गए। गांव पृथला के करियाकी धाम के नाम से मशहूर बनीवाले मंदिर के जोहड़ में नहाने के लिए पानी में उतरते चले गए। अचानक दोनों बच्चे पानी में डूबने लगे। गांव वालों ने पानी में जाकर बच्चों को बाहर निकाला और फरीदाबाद के सर्वोदय अस्पताल ले गए। अस्पताल में डॉक्टरों ने बच्चों को मृत घोषित कर दिया।
हिन्दुस्थान समाचार/गुरूदत्त
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मप्रः सीएम शिवराज ने अपने जन्म दिवस पर सफाई कर्मियों के साथ किया पौध-रोपण
CM Shivraj planted saplings with sanitation workers
– पौधरोपण में परिवार के सदस्य भी हुए शामिल, लगाए बरगद, पीपल और नीम के पौधे
भोपाल, 05 मार्च (हि.स.)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने प्रतिदिन पौधरोपण करने के संकल्प के क्रम में शनिवार को अपने जन्म-दिवस पर राजधानी भोपाल के स्मार्ट उद्यान में बरगद, पीपल और नीम का पौधा लगाया। उन्होंने अपने जन्म दिवस का आरंभ पौध-रोपण से किया। चौहान ने अपनी धर्मपत्नी साधना सिंह तथा पुत्र कुणाल के साथ बरगद, खजुराहो सांसद वीडी शर्मा सहित राघवेंद्र शर्मा तथा सुमित पचौरी के साथ पीपल और सफाईकर्मियों के साथ नीम का पौधा लगाया। सफाई कर्मियों में पार्वती बाई, नंदाबाई, अरविंद और जीतेंद्र पौध-रोपण में शामिल हुए।
उल्लेखनीय है कि नगर निगम, भोपाल के सफाई मित्र हर समय, हर परिस्थिति में राजधानी भोपाल को साफ, स्वच्छ बनाने और नागरिकों को स्वस्थ्य वातावरण उपलब्ध कराने में तत्पर रहते हैं। सफाई मित्र पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी लगातार कार्य करते हैं और शासन, प्रशासन के विभिन्न अभियान एवं कार्यक्रमों में पौध-रोपण करके सक्रिय सहयोग प्रदान करते हैं।
पौधों का महत्व
उल्लेखनीय है कि बरगद के पेड़ को वट वृक्ष या बड़ भी कहा जाता है। बरगद का धार्मिक महत्व है, साथ ही आयुर्वेद के अनुसार बरगद के पेड़ से कई बीमारियों का इलाज संभव है। पीपल एक छायादार वृक्ष है। यह पर्यावरण शुद्ध करता है। इसका धार्मिक और आयुर्वेदिक महत्व भी है। इस वृक्ष की सकारात्मक ऊर्जा को देखते हुए ऋषि-महात्माओं ने पीपल वृक्ष के नीचे बैठ कर तप किया और ज्ञान अर्जित किया। एंटीबायोटिक तत्वों से भरपूर नीम को सर्वोच्च औषधि के रूप में जाना जाता है। नीम स्वाद में भले ही कड़वा हो, लेकिन इससे होने वाले लाभ अमृत के समान होते हैं। पर्यावरण की दृष्टि से भी नीम बहुत उपयोगी है।