– आबादी भूमि पर मालिकाना हक के मामले में विपक्ष का हंगामा
भोपाल, 10 मार्च (हि.स.)। मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के चौथे दिन गुरुवार को विपक्ष ने आबादी भूमि पर मालिकाना हक और ओलावृष्टि से फसल नुकसान के मुद्दों पर जमकर हंगामा किया। इस बीच वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने तृतीय अनुपूरक बजट पेश किया। इसमें 15 हजार 232 करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान किया गया है। बता दें कि एक दिन पहले यानी बुधवार को राज्य सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश किया था।
विधानसभा के बजट सत्र में गुरुवार को सदन की कार्रवाई हंगामेदार रही। प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस ने आबादी भूमि पर मालिकाना हक नहीं दिए जाने के मामले में वॉकआउट किया। मुलताई से कांग्रेस विधायक सुखदेव पांसे द्वारा लगाए गए सवाल पर राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर कांग्रेस ने सरकार को घेरा। पांसे ने आरोप लगाया कि मुलताई नगर में आबादी भूमि पर पट्टाधारी परिवारों को स्वामित्व नहीं दिया जा रहा है, जिसके कारण उन्हें बैंक लोन नहीं मिल पा रहा हैl
इसके जवाब में राजस्व मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत ने कहा कि इसके लिए सरकार नई पॉलिसी लेकर आई है। यदि यह परिवार नई नीति के तहत आवेदन करते हैं तो उन्हें कब्जे वाली जमीन का मालिकाना हक दिया जाएगा। इस पर कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा कि जिस जमीन पर परिवार वर्षों से काबिज है, उन्हें पट्टा क्यों दिया जा रहा है, जबकि वे उस जमीन के मालिक हैं। यदि पट्टा दिया जाता है तो उन्हें 30 साल बाद कार्रवाई कराना पड़ेगा। ऐसे में सरकार उनसे प्रीमियम और भू-भाटक वसूल करेगीl
पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोट ने कहा कि मध्यप्रदेश में 18 लाख से अधिक परिवार इस समस्या से जूझ रहे हैं। सरकार स्पष्ट करे कि आबादी भूमि में काबिज परिवारों को पट्टा दे रही है या भू-स्वामित्व। इसका मंत्री राजपूत स्पष्ट जवाब नहीं दे पाए। इसके बाद कांग्रेस ने जोरदार हंगामा करने के बाद सदन से वॉकआउट किया।
वहीं, राजगढ़ में ओलावृष्टि से फसलों को हुए नुकसान का मुद्दा शून्यकाल में कांग्रेस विधायक प्रियव्रत सिंह ने उठाया और सरकार से तत्काल सर्वे कराने की मांग की। संसदीय कार्य मंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी कलेक्टरों को तत्काल सर्वे प्रारंभ कराने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश में किसानों की सरकार है और किसी को भी परेशान नहीं होने दिया जाएगा। नुकसान की क्षतिपूर्ति की जाएगी।
सदन में वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने 15 हजार 232 करोड़ रुपये से अधिक का तृतीय अनुपूरक बजट पेश किया। इसमें मुख्यमंत्री के स्वेच्छा अनुदान के लिए 10 करोड़ रुपये, राष्ट्रीय पेंशन योजना में कर्मचारियों के अंशदान के लिए 742 करोड रुपये, निवेश प्रोत्साहन को बढ़ावा देने के लिए 400 करोड रुपये, अटल कृषि ज्योति योजना के लिए 3 हजार 415 करोड़ रुपये, टैरिफ अनुदान योजना के लिए 238 करोड़ रुपये, मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना के लिए 228 करोड रुपये और जल जीवन मिशन के लिए 610 करोड रुपये का प्रविधान किया गया है।
इसके साथ ही सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योगों के प्रोत्साहन के लिए 122 करोड़, मध्यान भोजन कार्यक्रम के लिए 3000 करोड़, सामाजिक सुरक्षा और कल्याण योजना के लिए 138 करोड़ रुपये, लाडली लक्ष्मी योजना निधि पर ब्याज के भुगतान के लिए 200 करोड़ और बाढ़ एवं अतिवृष्टि से पीड़ितों की राहत के लिए सौ करोड़ रुपये का प्रवधान है।