– कृषि विज्ञान केन्द्र में आयोजित हुआ एक दिवसीय किसान मेला
मंडला, 11 मार्च (हि.स.)। कृषि विज्ञान केन्द्र मंडला में शुक्रवार को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, वानिकी अनुसंधान संस्थान, कृषि विज्ञान केन्द्र मंडला तथा नाबार्ड के संयुक्त तत्वाधान में एक दिवसीय किसान मेला आयोजित हुआ, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में केन्द्रीय इस्पात एवं ग्रामीण विकास राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते शामिल हुए। इस मौके पर उन्होंने कहा कि मंडला एवं आसपास के क्षेत्र में उन्नत कृषि एवं वानिकी के विकास के लिए इस प्रकार के मेलों का आयोजन महत्वपूर्ण है।
किसान मेले में राज्यसभा सांसद संपतिया उईके, जिला पंचायत अध्यक्ष सरस्वती मरावी, जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर के कुलपति पीके बिसेन, ऊष्ण कटीबंधीय अनुसंधान संस्थान जबलपुर के निदेशक डॉ. राव, निदेशक अटारी एसआरके सिंह, निदेशक राज्य वन अनुसंधान संस्थान अमिताभ अग्निहोत्री, निदेशक खरपतवार अनुसंधान संस्थान, कलेक्टर हर्षिका सिंह, पुलिस अधीक्षक यशपाल सिंह राजपूत, जिला पंचायत उपाध्यक्ष शैलेष मिश्रा, वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र मंडला डॉ. विशाल मेश्राम, कृषि वैज्ञानिक, कृषि अधिकारी, जिला नाबार्ड प्रमुख अखिलेश एवं मंडला एवं आसपास के जिलों के किसान उपस्थित थे।
केन्द्रीय मंत्री कुलस्ते ने मेले को संबोधित करते हुए कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार किसानों की आय को दुगुनी करने के लिए कृत संकल्प है। इस प्रकार के किसान मेलों के आयोजन से किसान नई तकनीक एवं नवाचार के संबंध में विशेषज्ञों से मार्गदर्शन प्राप्त करते हैं, जिनका उनकी खेती में सकारात्मक प्रभाव भी पड़ता है। उन्होंने बताया कि कृषि को लाभ का धंधा बनाने अनुसंधान संस्थानों द्वारा रिसर्च कार्य किए जा रहे हैं।
उन्होंने उपस्थित किसानों से कहा कि बांस की खेती भी आर्थिक रूप से फायदेमंद है। उन्होंने मंडला जिले के विभिन्न क्षेत्रों को वर्षा एवं भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप वर्गीकृत करते हुए उन क्षेत्रों के किसानों को फसलों, वानिकी तथा अन्य उत्पादन के लिए जागरूक करने के निर्देश दिए। कुलस्ते ने कहा कि मंडला जिले में कृषि को बढ़ावा देने के लिए कार्य हो रहे हैं। आगामी दिनों में जमीन का अधिकतम एवं बहुउद्देशीय उपयोग करना होगा।
उन्होंने कहा कि समय-समय पर कृषि एवं वानिकी से संबंधित एक्सीविशन एवं स्टॉल लगाएं। उन्होंने स्व-सहायता समूहों को भी इस क्षेत्र की ओर आकर्षित करने की बात कही। राज्यमंत्री ने जिले में शहतूत, रेशम, कोदो-कुटकी के उत्पादन की पर्याप्त संभावना पर विस्तार से चर्चा भी की।
किसान मेले के आयोजन को राज्यसभा सांसद संपतिया उईके ने सराहनीय एवं किसान हित में बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी एवं मुख्यमंत्री चौहान के नेतृत्व में किसानों के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं संचालित हैं। खेती को लाभ धंधा बनाने के लिए किसानों को लगातार प्रशिक्षण एवं जागरूक करने की आवश्यकता है।
जिला पंचायत अध्यक्ष सरस्वती मरावी ने मंडला जिले की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप किसानों को फसल एवं वानिकी कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करने की बात कही। जिला पंचायत उपाध्यक्ष शैलेष मिश्रा ने वन बचाओ, जल संरक्षण, कोदो-कुटकी के उत्पादों को प्रोत्साहन तथा किसान मेले के आयोजन से होने वाले फायदों की जानकारी दी।
किसान मेले में कुलपति बिसेन ने कहा कि जल-जंगल-जमीन प्रतिदिन कम हो रहे हैं तथा जनसंख्या प्रतिदिन बढ़ रही है, ऐसे में हम सभी को वनों के उत्पादन को विशेष महत्व देते हुए आने वाली पीढ़ी के लिए एक स्वस्थ पर्यावरण तैयार करना होगा। निदेशक ऊष्ण कटिबंधीय अनुसंधान संस्थान डॉ. राव ने अपने स्वागत भाषण में संस्थान द्वारा वनों के सुधार, अनुसंधान तथा आर्थिक रूप से फायदेमंद गतिविधियों के बारे में बताया।
एक दिवसीय किसान मेले का प्रारंभ मुख्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। मेले के दौरान राज्यसभा सांसद संपतिया उईके सहित जनप्रतिनिधियों एवं अतिथियों ने मशरूम बीज उत्पादन केन्द्र का शुभारंभ भी किया। मंच से बांस शिल्प के कलाकार सुरेश नामदेव, बैगा विकास संस्थान के केहर सिंह बर्वे, लाख उत्पादक सलीम खान तथा नीलगिरी, सागौन एवं खमेर के उत्पादक किसान बीपी सिंह को सम्मानित किया गया। इसी प्रकार अन्य किसानों का भी मंच से अतिथियों द्वारा सम्मान किया गया। जनजातीय प्रतिनिधियों ने केन्द्रीय इस्पात एवं ग्रामीण विकास राज्यमंत्री कुलस्ते का परंपरागत मुकुट पहनाकर सत्कार किया। अतिथियों द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र एवं अनुसंधान संस्थान द्वारा तैयार की गई यूजलेटर और वृत्तचित्र पुस्तिका का विमोचन भी किया गया।