नैनीताल, 05 मार्च (हि.स.)। हाई कोर्ट ने हरिद्वार महाकुंभ में कोरोना टेस्टिंग फर्जीवाड़ा में आरोपित मैक्स कारपोरेट सर्विसेज के सर्विस पार्टनर शरत पंत और मल्लिका पंत की जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई की। इसके बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ता को एक सप्ताह के भीतर शपथपत्र दाखिल करने के निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए 11 मार्च की तिथि नियत की है।
न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार शरत पंत और मल्लिका पंत ने हाई कोर्ट में जमानत प्रार्थना पत्र दाखिल कर कहा था कि वे मैक्स कारपोरेट सर्विसेस में सर्विस प्रोवाइडर है। परीक्षण और डेटा प्रविष्टि के दौरान मैक्स कारपोरेट का कोई कर्मचारी मौजूद नहीं था। सारा काम स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की प्रत्यक्ष निगरानी में किया गया था। परीक्षण स्टालों ने जो कुछ भी किया था उसे अपनी मंजूरी दे दी। अगर कोई गलत कार्य कर रहा था तो कुंभ मेले के दौरान अधिकारी चुप क्यों रहे।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी हरिद्वार ने पुलिस में मुकदमा दर्ज करते हुए आरोप लगाया था कि कुंभ मेले के दौरान आरोपितों ने अपने को लाभ पहुंचाने के लिए फर्जी तरीके से कोविड टेस्ट कराए गए। 2021 में एक व्यक्ति ने सीएमओ हरिद्वार को एक पत्र भेजकर शिकायत की थी कि कुंभ मेले में टेस्ट कराने वाले लैब ने उनकी आईडी व फोन नंबर का उपयोग किया है जबकि उसने रेपिड एंटीजन टेस्ट कराने हेतु कोई रजिस्ट्रेशन और सैंपल नही दिया था।