देहरादून :- उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों की पहली सूची जारी होने के बाद टिकट के कई दावेदार नाराज हो गए थे। कई नाराज नेताओं ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा भी कर दिया था। पार्टी अब इन नाराज नेताओं को मनाने में जुट गई है। कई नाराज नेताओं को मना भी लिया गया है।
पार्टी अभी 70 में से 59 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की है। इस बार अधिकतर सीटों पर टिकट के कई दावेदार थे। पार्टी को पहले से ऐसी उम्मीद थी कि टिकट बंटवारे के बाद कुछ नेतागण नाराज हो सकते हैं। हुआ भी ऐसा ही। घोषित 59 टिकट में से करीब एक दर्जन सीटों पर पार्टी नेता नाराज हो गए। भाजपा इन नेताओं को मनाने का प्लान पहले से ही तैयार कर ली थी।
भाजपा टिकट वितरण के लिए बहुत पहले से काम शुरू कर दी थी। हर क्षेत्र से कई स्तर पर सर्वे भी करवाया गया। इसमें टिकट के दावेदारों एवं वर्तमान विधायकों के प्रति लोगों प्रतिक्रिया को जुटाया गया। इसके बाद जिला स्तर और विधानसभावार टिकट दावेदारों की सूची तैयार करवायी गयी। कई सीटों पर आधा दर्जन से अधिक दावेदार सामने आ गए।
इसलिए पार्टी टिकट नहीं मिलने पर नेताओं की नाराजगी दूर करने के लिए सांसदों एवं वरिष्ठ नेताओं की एक कोर टीम पहले से बना ली थी। यही नहीं विधानसभा प्रभारियों को संभावित नाराज होने वाले नेताओं, उनको मनाने वाले प्रभावशाली कार्यकर्ताओं या नेताओं तक की सूची बनाने को कह दिया गया था।
धीरे-धीरे इसका असर देखने को भी मिल रहा है। कर्णप्रयाग से वर्तमान विधायक सुरेन्द्र सिंह नेगी का टिकट काटकर पार्टी ने दो बार यहां से विधायक रहे अनिल नौटियाल की उम्मीदवार बनाया है। टिकट घोषित होते ही सुरेन्द्र सिंह नेगी ने नाराजगी जाहिर भी कर दी। उन्होंने कहा कि दो दिन में वह कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं। अब कहा जा रहा है कि पार्टी ने उन्हें मना लिया है।
सुरेन्द्र सिंह कहते हैं, ‘मेरा स्वास्थ्य अब दूर-दराज घूमकर प्रचार करने की इजाजत नहीं दे रहा है। इस कारण मैंने पार्टी को कह दिया था कि वह चुनाव लड़ने में असमर्थ हैं। पौड़ी गढ़वाल से सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से जब नेताओं की नाराजगी पर बात की तो उन्होंने कहा कि पार्टी किसी सीट से एक को टिकट दे सकती है। यह सभी जानते भी हैं। लोगों की इच्छा भी रहती है कि वे चुनाव जीतकर क्षेत्र के लोगों की सेवा करें। ऐसा नहीं होने पर लोग नाराज होते हैं। यह परिवार का मामला है। सबको मना लिया जाएगा।
टिकट घोषित होने के तुरंत बाद जितने नेताओं ने नाराजगी जाहिर की थी, उनमें से कइयों को पार्टी ने मना लिया है। पुरोला सीट से लेकर पिथौरागढ़ तक के सीटों पर पार्टी नाराज नेताओं को मनाने में कामयाब होती दिख रही है। अब ये नेता पार्टी के साथ खड़े हैं और चुनाव में भाजपा को जितने के लिए काम में जुट गए हैं। हालांकि कुछ नेता अभी भी नाराज हैं।