गोपेश्वर :- चमोली जिले की नीति घाटी के जुवा-ग्वाड़ और भंग्यूल के ग्रामीणों की जीवन फरवरी माह में रैणी में आई आपदा के बाद से पटरी पर नहीं लौट सका है। यहां गांवों को बाहरी दुनिया से जोड़े वाले पैदल पुल का निर्माण न होने से ग्रामीणों को आवाजाही में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि तहसील प्रशासन से लेकर मुख्यमंत्री तक पुल निर्माण की गुहार लगाने के बाद भी वर्तमान तक पुलों का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका है।
स्थानीय ग्रामीण गब्बर सिंह राणा, कुताल सिंह, लक्ष्मण बुटोला, प्रदीप राणा और गुमान सिंह का कहना है कि कई बार प्रशासन और विभागीय अधिकारियों से मांग के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है। जिससे जहां गांव में सार्वजनिक और निजी निर्माण कार्य बाधित हो रहे हैं। वहीं शादी-ब्याह जैसे आयोजन होने पर आवाजाही में खासी दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं।
उल्लेखनीय है कि गत सात फरवरी को रैंणी-तपोवन क्षेत्र में धौली गंगा में आई आपदा के चलते घाटी के जुआ-ग्वाड़ और भंग्यूल गांवों को बाहरी दुनिया से जोड़ने वाले पैदल मार्गों पर बने पुल क्षतिग्रस्त हो गये थे। इसके बाद यहां प्रशासन की ओर से ग्रामीणों की आवाजाही की वैकल्पिक व्यवस्था के लिए लोनिवि के माध्यम से ट्राली लगवाई गई। लेकिन आठ माह बाद भी यहां पुलों का निर्माण शुरू नहीं हो सका है।
नीती घाटी में क्षतिग्रस्त पुलों के निर्माण के लिये प्रथम चरण में स्थान चयन कर लिया गया है, वहीं कंसलटेंट के माध्यम से सर्वेक्षण कार्य और डीपीआर बनाई जा रही है। शासन की ओर से द्वितीय चरण की स्वीकृति मिलने पर पुलों का निर्माण कार्य करवाया जाएगा- रवि वासव, सहायक अभियंता, लोनिवि, गोपेश्वर।