गाजियाबाद। कॉन्ग्रेस पार्षद मनोज चौधरी लगातार क्षेत्र में सक्रिय रहते हैं लेकिन कुछ दिनों से वे नगर निगम के खिलाफ मोर्चा खोले बैठे हैं दरअसल उनका कहना है कि वर्ष 2021 22 में जो एक करोड़ के विकास कार्यों की घोषणा की थी वह सिर्फ घोषणा मात्र ही रह गए हर वार्ड में एक करोड़ के विकास कार्य होने थे कोरोना की वजह से 2020-21 में भी सिर्फ 40 लाख के ही कार्य हो पाए थे एक करोड़ में से 60 लाख के विकास कार्यों के टेंडर मांगे गए थे जिसमें 295 टेंडर खाली रह गए वह 2 नवंबर को लगाए गए जो अभी तक वह भी खुले नहीं है लगता है किसी पार्षद को अब कार्यों की आवश्यकता अपने वार्ड में कराने की नहीं रही है जिस तरह से सभी माननीय पार्षद चुप्पी साधे हुए हैं उससे में काफी हैरान हू क्योंकि 20 दिसंबर 2021 के बाद जनवरी के पहले सप्ताह में कभी भी चुनाव आचार संहिता लग सकती है 60 लाख के कार्य भी कागजों पर ही सिमट कर रह जाएंगे फिर मार्च तक कोई कार्य नहीं हो सकते ठेकेदारों को अभी इन कार्यों के वर्क आर्डर भी नगर निगम ने जारी नहीं किए हैं वार्ड 53 को 15 वित्त में से एक भी रुपया के कार्य ना उद्यान में मिले ना निर्माण विभाग में मिले हम तो अपना पार्षद निधि पर ही निर्भर है वह भी कार्य हो नहीं रहे हैं अपनी पीड़ा सुनाएं तो कहां सुनाएं क्योंकि सदन की मीटिंग महापौर बुलाती नहीं निगम ने डेढ़ सौ करोड़ रूपए लेकर जशन दिल्ली में मनाया था अब इसका खामियाजा जनता भरने के लिए तैयार रहें क्योंकि जनता पर आगे भी टैक्स और बढ़ाए जाने हैं क्योंकि लगभग हर महीने ₹12 लाख किस्त में जाने हैं और 12 लाख रुपए बैंक अगले महीने के लिए रिजर्व कर लेता है गलत नीतियों का खामियाजा तो माननीय सदन को भी भुगतना पड़ेगा जिस तरह से जीडीए ने मधुबन बापूधाम योजना के लिए विश्व बैंक से पैसा लोन पर लिया था और आज उसे किस चुकाने में पसीने आ रहे हैं यही हाल नगर निगम का होने वाला है नगर निगम में ठेकेदारों का भुगतान नहीं होगा तो ठेकेदार विकास कार्य कैसे करेंगे दीपावली पर ठेकेदार आस लगाए बैठे थे कि कुछ भुगतान होगा लेकिन नगर निगम ने केवल 15% ही भुगतान किया सूत्र बताते हैं कि ठेकेदार सभी भाई परेशान हैं कि उन्हें मिला क्या दिवाली से पहले एक बोर्ड मीटिंग होती है सूत्र बताते हैं कि वह इसलिए महापौर जी ने नहीं करवाई कई 40 लाख के विकास कार्यों की घोषणा ना करनी पड़ जाए सूत्र बताते हैं कि 15 वित्त के निर्माण विभाग ने जो कार्य लगाए उन पर भी तलवार लटक रही है उसमें भी अधिकारियों ने बड़ा खेल कर दिया नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तवर एक अच्छे अधिकारी हैं वे भी गाजियाबाद का विकास करना चाहते हैं लेकिन वित्तीय स्थिति खराब होने के कारण मजबूर है सभी माननीय पार्षदों से मेरा निवेदन है कि वह पार्टी से ऊपर उठकर आवाज उठाएं कि कम से कम 60 लाख के कार्य चुनाव आचार संहिता लगने से पहले धरातल पर शुरू हो सके यह सही बात है कि विपक्ष के सारे पार्षद अपनी भूमिका को भूल चुके हैं क्योंकि जो सदन की मीटिंग हर महीने होनी चाहिए वह साल में एक दो भी हो जाए तो बहुत बड़ी बात है नगर निगम तो भगवान भरोसे चल ही रहा है।