वैक्सीनेशन प्रमाण पत्र के बिना नहीं बनेगा ड्राइविंग लाइसेंस

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गाजियाबाद। अगर आप ड्राइविंग लायसेंस बनवाने जा रहे हैं तो अपना वैक्सीनेशन सर्टीफिकेट अवश्य ही लेकर जाएं अन्यथा स्लाट होने के बावजूद आपको बैरंग लौटना होगा। यह हम नहीं कह रहे बल्कि जिले के कलेक्टर राकेश कुमार सिंह का वह आदेश है जो उन्होंने संभागीय परिवहन अधिकारी गाजियाबाद को लिखित में भेजा है। आदेश का लब्बोलुबाब ये हैं लोग वैक्सीन लगवाने के लिए स्वयं तो प्रेरित हों साथ ही दूसरों को भी वैक्सीन लगवाने की प्रेरणा दें।

बताते चलें कि कोराना की दूसरी लहर के बाद शासन और प्रशासन जनमानस को कोराना वैक्सीन लगवाने के लिए हरचंद कोशिश में लगा है फिर भी काफी लोग वैक्सीन लगवाने से बंचित रह गए हैं। जिलाधिकारी गाजियाबाद ने संभागीय परिवहन अधिकारी को भेजे आदेश में कहा कि जो युवक-युवती ड्राइविंग लायसेंस बनवाने आएं उनसे वैक्सीन लगवाने का सर्टीफिकेट जरूर लें, जो भी सर्टीफिकेट न दे पाए उसका स्लॉट होने के बावजूद ड्राइविंग लायसेंस न बनाएं।

जिलाधिकारी के आदेश का असर संभागीय अधिकारी के दफ्तर में सिर चढ़ कर बोल रहा है। इतना ही नहीं ड्राइविंग लायसेंस बनवाने में सहयोग करने वाले बाहर बैठे लोगों में भी यह आदेश ऐसे वायरल हो रहा जैसे सोशल मीडिया पर कोई मिर्च-मसाले वाली खबर फैलती है। हालांकि बाद में सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी प्रशासन ने जिलाधिकारी के आदेश का हवाला देकर अंतरकार्यालयी आदेश भी जारी कर दिया है। हालांकि गत शनिवार 30 अक्टूबर जिनके स्लॉट थे उनको ड्राइविंग लायसेंस बना दिए गए लेकिन आगे स्लॉट वालों के लिए नोटिस चस्पा कर बताने का प्रयास कर्मचारी करते देखे गए। लेकिन बड़ी बात यह है कि आरटीओ कार्यालय के बाहर दलालों की एक फौज है जिनके लिए कोई भी काम मुश्किल नहीं है।

अब देखना यह होगा कि जहां सीधे कार्यालय पहुंचे लोगों को ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट चाहिए वही क्या दलालों के जरिए अपना काम करवाने वालों को भी वैक्सीन के प्रमाण पत्र की आवश्यकता पड़ेगी निश्चित रूप से यह तस्वीर आगामी कुछ दिनों में साफ हो पाएगी जिलाधिकारी के आदेश का शत-प्रतिशत पालन होता है या नहीं।