सेवा के पर्याय ठक्कर बापा: सामाजिक रूप से शोषितों और आदिवासियों के उत्थान के लिए जीवन समर्पित करने वाले प्रमुख समाजसेवी अमृतलाल विट्ठलदास ठक्कर का जन्म 29 नवंबर 1869 को भावनगर (सौराष्ट्र) में हुआ। वे भारतीय संविधान सभा के सदस्य भी रहे। उन्हें लोग ‘ठक्कर बापा’ के नाम से जानते हैं। वे गांधीजी के समकालीन और करीबी थे। गांधीजी उन्हें ‘बापा’ कहकर संबोधित करते थे।
ठक्कर बापा ने 1886 में मैट्रिक की परीक्षा में सर्वाधिक अंक प्राप्त किया और 1890 में पूना से सिविल इंजीनियरिंग की शिक्षा पूरी की। शुरू में काठियावाड़ में नौकरी के बाद 1900-1903 के दौरान पूर्वी अफ्रीका के युगांडा रेलवे में इंजीनियर के रूप में सेवाएं दीं। वर्ष 1914 में नौकरी छोड़कर वे गोपाल कृष्ण गोखले द्वारा स्थापित सर्वेंट्स ऑफ इंडिया सोसायटी के सदस्य बने। गोपाल कृष्ण गोखले ने उनकी मुलाकात गांधीजी से करायी।
उन्होंने 1915 में बाम्बे के सफाईकर्मियों के लिए को-ऑपरेटिव सोसायटी और अहमदाबाद में मजदूरों के बच्चों के लिए स्कूल खोला। उन्होंने ‘भील सेवा मंडल’, ‘भारतीय आदिमजाति सेवक संघ’, ‘कस्तूरबा गांधी नेशनल मेमोरियल फंड’, ‘गोंड सेवक संघ’ की स्थापना की। वे गांधीजी के हरिजन सेवक संघ के महासचिव बनाए गए। छूआछूत प्रथा के खिलाफ गांधीजी का आंदोलन, ठक्कर बापा के आग्रह पर ही शुरू हुआ। उन्होंने 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौरान गिरफ्तारी दी। सन् 1922 में उन्होंने छोटानागपुर का दौरा कर मुंडा और उरांव जनजाति की स्थिति का व्यापक अध्ययन किया। अकाल और नोआखोली दंगे के दौरान भी उन्होंने जन सेवा का धर्म बखूबी निभाया।
20 जनवरी 1951 को उनका देहांत हो गया। उनकी जनसेवा की भावना को रेखांकित करते हुए देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद का कथन था- ‘जब-जब नि:स्वार्थ सेवकों की याद आएगी, ठक्कर बापा की मूर्ति आंखों के सामने आकर खड़ी हो जाएगी।’
अन्य अहम घटनाएं:
1913: ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित सुप्रसिद्ध शायर अली सरदार जाफरी का जन्म।
1935: परमवीर चक्र से सम्मानित गुरबचन सिंह सालारिया का जन्म।
1993: आधुनिक भारत की बुनियाद रखने वाले औद्योगिक हस्तियों में शामिल जेआरडी टाटा का निधन।
2002: प्रमुख समाचार प्रसारक ओंकारनाथ श्रीवास्तव का निधन।
2008: गुजरात के नौवें मुख्यमंत्री छबीलदास मेहता का निधन।