नैनीताल :- यह मां को सप्ताह भर के प्रवास के बाद विदाई देने के क्षण थे। हजारों लोगों द्वारा किए गए दर्शनों एवं कई भावविह्वल हुई नम आंखों के साथ माता नंदा-सुनंदा को उनके मायके के रूप में माता नयना की नगरी से विदाई दे दी है। अपराह्न करीब 3 बजे मूर्तियों की सजावट के अतिरिक्त मूर्तियों के निर्माण में प्रयुक्त कदली दल आदि ईको फ्रेंडली अवयवों को लगातार दूसरे वर्ष परंपरागत शोभायात्रा की जगह नयना देवी के मंदिर से ही नैनी सरोवर में विसर्जित किया गया। इस दौरान प्रदेश के पुलिस महानिदेशक अशोक की धर्मपत्नी अलकनंदा अशोक एवं संयुक्त मजिस्ट्रेट भी माता की विदाई के पलों के गवाह बने।
इससे पूर्व ठीक 12 बजे माता नयना देवी मंदिर में सजे मंडप से मूर्तियों को विदाई के धार्मिक अनुष्ठान के बाद मंदिर के प्रांगण में स्थापित मंच पर लाया गया। इस दौरान हजारों की संख्या में श्रद्धालु, खासकर महिलाएं माता के दर्शनों के लिए मंदिर परिसर में एकत्र हो गए थे। आयोजक संस्था के सदस्यों एवं महोत्सव में बरसों से जुड़े स्वयं सेवकों में भी माता के दर्शनों का अत्यधिक उत्साह था। ऐसे में मंदिर में परिसर में भारी भीड़ के बीच सभी श्रद्धालुओं को दर्शन का मौका देने के लिए मूर्तियों के विसर्जन के लिए तीन बजे तक का समय रखा गया, और तीन बजे मूर्तियों को मंच के पास से ही नैनी सरोवर में विसर्जित कर दिया गया। लगातार दूसरे वर्ष परंपरागत तौर पर होने वाला माता का डोला भ्रमण, शोभायात्रा नहीं हुई।
इस मौके पर पंडित भगवती प्रसाद जोशी, ने आयोजक संस्था श्रीराम सेवक सभा के अध्यक्ष मनोज साह, महासचिव जगदीश बवाड़ी, गिरीश जोशी, हिमांशु जोशी, कमलेश ढोंढियाल, देंवेंद्र लाल साह, डा. मनोज बिष्ट, चंदन जोशी, भीम सिंह कार्की, कैलाश जोशी, डा. ललित तिवारी, डा. सरस्वती खेतवाल, विकास जोशी, शैलेंद्र चौधरी के साथ नगर कोतवाल अशोक कुमार सिंह, एसएसआई कश्मीर सिंह, सोनू बाफिला सहित अनेक लोग व्यवस्थाओं में जुटे रहे।