अदिति अशोक के लिए टोक्यो में उनकी मां का साथ वरदान बन गया है। अदिति की मां महेश्वरी टोक्यो में कदम-कदम पर उनके साथ हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि गोल्फ कोर्स वह किस तरह उनके साथ होंगी, लेकिन यह सच्चाई है महेश्वरी गोल्फ कोर्स पर अदिति के ना सिर्फ साथ होती हैं बल्कि वहां वह उनकी प्रेरणा का सबसे बड़ा कारण भी बनी हुई हैं। महेश्वरी टोक्यो में अदिति के कैडी (साथ में गोल्फ किट लेकर चलने वाला) की भूमिका निभा रही हैं। वैसे कोर्स पर यह भूमिका उनके पिता निभाते आए हैं, लेकिन इस बार अदिति ने यह मौका अपनी मां को प्रदान किया।सर्वाधिक 18 मेजर खेल चुकी हैं अदितिदेश में अदिति से 18 ज्यादा मेजर (ग्रैंड स्लैम जैसा टूर्नामेंट) अन्य किसी गोल्फर ने नहीं जीते हैं।तीन यूरोपियन टूर के खिताब भी उनके नाम हैं। बावजूद इसके यह किसी ने नहीं सोचा था कि अदिति लगातार तीन दिन तक ओलंपिक में दूसरे स्थान पर रहेंगी। रियो ओलंपिक में भी अदिति ने बेहतरीन शुरूआत की थी, लेकिन पहले और दूसरे दिन वह सातवें और आठवें स्थान पर थीं। चौथे दिन वह 41वें स्थान पर लुढ़क गईं,लेकिन उसके बाद अदिति एक पूर्ण स्थापित गोल्फर बन चुकी हैं। टोक्यो में उनका प्रदर्शन इसी का परिणाम है।मां को दिया था आश्वासन वही टोक्यो में होंगी कैडीटोक्यो में भी बतौर कैडी उनके पिता ही साथ होने थे, लेकिन अदिति ने अपनी मां को आश्वासन दे रखा था कि वह टोक्यो में उन्हीं को अपना कैडी बनाएंगी। बंगलूरू के कर्नाटक गोल्फ कोर्स में गोल्फ सीखने वाली अदिति के गोल्फ जीवन में उनके माता-पिता का बहुत बड़ा योगदान है। यही कारण है कि अदिति अपनी मां के साथ के दम पर टोक्यो में अब तक काफी अच्छा प्रदर्शन कर पाई हैं। वह -12 के साथ दूसरे स्थान पर हैं। शनिवार को एक दौर बाकी है। तूफान की आशंका के चलते सुबह जल्दी खेल शुरू होगा। अदिति ने अगर अपने खेल के स्तर को बनाए रखा तो वह इतिहास रच देंगी।