बाराबंकी. बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी एंबुलेंस मामले (Mukhtar Ansari Ambulance Case) में लंबे समय से फरार चल रहे 25-25 हजार रुपये के इनामिया पांच आरोपियों में से तीन को बाराबंकी पुलिस (Barabanki Police) ने गिरफ्तार कर लिया है. पकड़े गए सभी आरोपी गाजीपुर जिले के रहने वाले हैं. इन लोगों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि यह सभी एंबुलेंस में चालक और मुख्तार के निजी सुरक्षाकर्मी के रूप में काम करते थे. इन तीनों आरोपियों को पुलिस ने कोर्ट में पेश करके जेल भेज दिया है. अभी इस मामले में दो ईनामी आरोपियों की गिरफ्तारी होनी बाकी है.
इस बीच एंबुलेंस मामले में बांदा जेल से बाराबंकी न्यायालय में वर्चुअल सुनवाई के दौरान मुख़्तार अंसारी ने अपने बैरक में टेलीविजन लगाने की मांग फिर दोहराई है.
बाराबंकी के एसपी यमुना प्रसाद ने बताया कि बाराबंकी बस स्टाप के पास से गाजीपुर जिले के मोहम्मदपुर थाना के मोहल्ला कसाई जफरपुर युसुफपुर के फिरोज कुरैशी, मंगल बाजार के शाहिद और मोहल्ला 57 दर्जी में रहने वाले सुरेंद्र शर्मा को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए आरोपियों से एसटीएफ ने भी पूछताछ की.
आरोपियों ने पुलिस को बताया कि यह लोग एंबुलेंस में मुख्तार के साथ चलते थे. यही लोग ही एंबुलेंस को पंजाब लेकर गए थे. एंबुलेंस के ड्राइवर तो कभी अवैध शस्त्र लेकर मुख्तार के साथ निजी सुरक्षाकर्मी के तौर पर रहते थे.
एसपी ने बताया कि इस एंबुलेंस मामले में कोतवाली में दर्ज मुकदमे में अब तक मऊ के संजीवनी हास्पिटल की संचालिका डॉ. अलका राय, उसके सहयोगी डॉ. शेषनाथ राय, आनंद यादव, राजनाथ यादव, मो. सैयद मुजाहिद, मो. जाफरी उर्फ शाहिद, सलीम को जेल भेजा चुकी है, जबकि मुख्तार बांदा जेल में बंद है.
वहीं 25 हजार के ईनामी गाजीपुर के ही मोहम्मदपुर थाना के सदर रोड मोहम्मदाबाद का जफर उर्फ चंदा और महरूपुर का अफरोज खां उर्फ चुन्नू अभी पुलिस की पकड़ से दूर हैं. जिनकी तलाश की जा रही है और जल्द ही उन्हें भी पकड़ लिया जाएगा.
अभी तक नहीं लगाया गया टीवी: मुख्तार
वहीं एंबुलेंस मामले में बांदा जेल से बाराबंकी न्यायालय में वर्चुअल सुनवाई भी हुई. विशेष सत्र न्यायाधीश एमपी एमएलए कोर्ट के जज कमलकांत श्रीवास्तव ने मुख्तार अंसारी को आरोपों पर वकालतनामा दाखिल करने के निर्देश दिए हैं. इसकी अगली सुनवाई विशेष अदालत ने 16 अगस्त को तय की है. मुख्तार अंसारी ने अपने बैरक में टेलीविजन लगाने की मांग दोहराते हुए कोर्ट से कहा कि न्यायालय के आदेश के बावजूद जेल मैन्युअल के हिसाब से अभी तक बैरक में टेलीविजन नहीं लगाया गया है. मुख्तार ने कहा कि इस ऐंबुलेंस केस में मुझे राजनैतिक द्वेष की वजह से फर्जी फंसाया गया है.
ये है पूरा मामला
दरअसल बाहुबली बसपा विधायक मुख्तार अंसारी ने अपने निजी इस्तेमाल के लिए 2013 में फर्जी दस्तावेज के आधार पर एक एंबुलेंस का एआरटीओ बाराबंकी में रजिस्ट्रेशन करवाया था. पंजाब की रोपड़ जेल से पेशी पर जाते समय बाराबंकी नंबर UP 41 AT 7171 की यह एंबुलेंस अचानक काफी चर्चा में आ गई थी. मुख्तार अंसारी की एंबुलेंस का यह किस्सा 31 मार्च, 2021 को सामने आया था. जांच के बाद 2 अप्रैल, 2021 को इस मामले में एआरटीओं की तहरीर पर मऊ की अस्पताल संचालिका डॉ. अलका राय पर बाराबंकी नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया. यही नहीं बाराबंकी पुलिस की टीम ने पंजाब से पांच अप्रैल, 2021 को इस एंबुलेंस को भी बरामद भी कर लिया था. उसके बाद बाराबंकी पहुंची यह एंबुलेंस नगर कोतवाली के माल खाने में दाखिल है और परिसर में दूसरे वाहनों के बीच खड़ी कंडम हो रही है.