झारखंड में सरकार गिराने की साजिश की जांच तेजी से चल रही है

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झारखंड में सरकार गिराने की साजिश की जांच तेजी से चल रही है. सरकार को अस्थिर करने और विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले में अब तक कांग्रेस के 18 में से 11 विधायकों के नाम सामने आ गए हैं. इससे पार्टी की किरकिरी तो हो ही रही है, वहीं अब आलाकमान ने भी प्रदेश कांग्रेस से पूरे मामले में जवाब मांगा है.

इस बीच, बुधवार को ग्रामीण विकास मंत्री और कांग्रेस नेता आलमगीर आलम के आवास पर विधायकों की बैठक हुई, जिसमें विधायकों से वन-टू-वन बात की गई. इस दौरान पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर उरांव भी मौजूद थे.

सरकार गिराने की साजिश मामले में रांची पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार लोगों के बयान पर पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की जांच की, जिसमें कांग्रेस विधायक नजर आ रहे हैं. इससे कांग्रेस विधायक संदेह के घेरे में आ गए हैं. वहीं, इस मामले को जानने-समझने में प्रदेश कांग्रेस के वरीय नेता जुटे हुए हैं.

विधायकों की ओर से जानकारी जमा की जा रही है, ताकि आलाकमान को वर्तमान स्थिति से अवगत कराया जा सके. वहीं, विधायक इरफान अंसारी और उमाशंकर अकेला ने साफ कहा है कि उनपर लग रहे सभी आरोप बेबुनियाद हैं. उन्होंने कहा कि पिता के इलाज के लिए दिल्ली गए थे. कहीं किसी सीसीटीवी फुटेज में दिख गए होंगे. उन्होंने कहा कि किसी भी सूरत में कांग्रेस नहीं छोड़ रहे हैं.

23 जुलाई की रात से रांची पुलिस की अचानक हरकत शुरू हुई और कई होटलों में छापेमारी की. इस छापेमारी में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. इसके बाद 24 जुलाई से सरकार गिराने की साजिश की चर्चा शुरू हुई. सूबे के राजनीतिक गलियारे में कहा जाने लगा कि कांग्रेस के 18 विधायकों में से 11 विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं और सरकार गिराने की साजिश चल रही है, जिसमें बीजेपी सफल नहीं हुई. इतना ही नहीं, सरकार गिराने की साजिश का पर्दाफाश हुआ, तो कई कांग्रेस नेताओं का बयान आने लगे. अब प्रदेश कांग्रेस के वरीय नेता नाराज विधायकों से बातचीत कर नाराजगी दूर करने में लगे हैं.