गाज़ियाबाद: नशामुक्त भारत अभियान के तहत चल रहे नशामुक्त भारत समिट-2021 के अंतर्गत अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थ सेवन एवं तस्करी निषेध दिवस के अवसर पर भागीरथ सेवा संस्थान द्वारा भागीरथ कैंपस, गाज़ियाबाद में एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। WHO की इस वर्ष की थीम के मुताबिक सेमिनार का विषय था , “नशे का जन-जीवन पर दुष्प्रभाव, जागरूकता फैलाएं, जीवन बचाएं”। आपको बता दें कि प्रत्येक वर्ष 26 जून को पूरे विश्व मे अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थ सेवन एवं तस्करी निषेध दिवस मनाया जाता है। पैनल में मनोचिकित्सक डॉ स्वाति मित्तल ( एमडी, एमबीबीएस) और माहेश्वरी चौधरी, परामर्शदाता ने इस विषय पर विस्तार से अपना अपना पक्ष रखा। सेमिनार के साथ ही नशामुक्त भारत समिट-2021 के अंतर्गत भागीरथ पब्लिक स्कूल द्वारा कराई गई ऑनलाइन पोस्टर प्रतियोगिता में चयनित पोस्टर्स को डिस्प्ले भी किया गया।
मनोचिकित्सक डॉ स्वाति मित्तल ने बताया कि मादक पदार्थ इंसान के जीवन को बुरी तरह प्रभावित करता है। यह कई गंभीर शारीरिक और मानसिक बीमारियों की वजह बनता है। जैसे कैंसर, किडनी फेलियर, हृदयाघात, फेफड़े के रोग, ट्यूबरकुलोसिस, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी), नर्वस सिस्टम फेलियर आदि। इनमें कुछ बीमारियां तो ऐसी ही हैं जिसके चलते व्यक्ति की असमय मृत्यु भी हो जाती है। इसके अलावा मादक पदार्थों के लगातार सेवन से कई तरह की मानसिक बीमारियां भी हो जाती हैं जिनके चलते व्यक्ति डिप्रेशन और एंग्जाइटी से गिर जाता है और इसके चलते आत्महत्या जैसे आत्मघाती कदम भी उठा देता है।
सामाजिक परामर्शदाता माहेश्वरी चौधरी ने बताया कि मादक पदार्थों के सेवन से व्यक्ति का शारीरिक और मानसिक जीवन ही बर्बाद नहीं होता बल्कि पारिवारिक और सामाजिक जीवन भी अस्त-व्यस्त हो जाता है। मादक पदार्थों के सेवन से व्यक्ति भारी आर्थिक संकट में फंस जाता है। इस दौरान उसका नैतिक और चारित्रिक पतन भी तेजी से होता है, जिसके चलते वह छोटे-छोटे अपराध करने लगता है एवं कई बार नशे की बुरी बुरी लत के कारण एक साधारण व्यक्ति पेशेवर अपराधी भी बन जाता है। उन्होंने कहा कि ऐसी सूरत में जागरूकता ही एकमात्र उपाय हैं, जिसके जरिए हम नशा करने वाले व्यक्ति का जीवन बचा सकते हैं और समाज व देश से इस बुराई को खत्म कर सकते हैं।
भागीरथ सेवा संस्थान के निदेशक अमिताभ सुकुल ने सेमिनार में हिस्सा लेने वाले तमाम लोगों से आग्रह किया कि वह अपने अपने क्षेत्र, कार्यस्थल और अपने परिवार व खानदान के बीच में इस विषय पर खुलकर चर्चा करें एवं अधिक से अधिक लोगों को नशे के प्रति जागरूक करें। इससे होने वाले नुकसान के बारे में लोगों को बताएं ताकि वह इस बुरी लत को छोड़कर सामान्य जीवन जी सकें एवं खुशहाल हो सकें।