नई दिल्ली, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार मंगलवार को विपक्षी दलों के नेताओं के साथ बैठक की अध्यक्षता करेंगे। बैठक में आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, नेशनल कांफ्रेंस और एनसीपी के अलावा कुछ और दलों के नेता शामिल हो सकते हैं। इस मुलाकात को शरद पवार द्वारा देश के सभी विपक्षी दलों को एकजुट करने की दिशा में काफी अहम माना जा रहा है। चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर की पवार के साथ सोमवार को हुई मुलाकात से भी अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। इन दोनों की इस महीने यह दूसरी मुलाकात है।
गैर भाजपा-गैर कांग्रेसी गठबंधन बनाने की दिशा में बताया जा रहा महत्वपूर्ण कदम
महाराष्ट्र अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री और राकांपा के प्रवक्ता नवाब मलिक ने बताया कि शरद पवार की अध्यक्षता में मंगलवार को होने वाली बैठक में फारूक अब्दुल्ला, यशवंत सिन्हा, पवन वर्मा, संजय सिंह, डी राजा, जस्टिस एपी सिंह, जावेद अख्तर, केटीएस तुलसी, करण थापर आशुतोष, एडवोकेट मजीद मेमन, सांसद वंदना चव्हाण, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी, केसी सिंह, संजय झा, सुधींद्र कुलकर्णी, कॉलिन गोंसाल्वेस, अर्थशास्त्री अरुण कुमार, घनश्याम तिवारी और प्रीतिश नंदी सहित कई प्रमुख राजनीतिक नेता और प्रतिष्ठित लोग शामिल होंगे। नवाब मलिक ने कहा कि इस बैठक में आगामी लोकसभा सत्र और देश के मौजूदा राजनीतिक हालात पर चर्चा की जाएगी।
राकांपा की आम सभा से पहले प्रशांत किशोर की पवार से मुलाकात को लेकर लगने लगीं अटकलें
गौरतलब है कि राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने सोमवार को दिल्ली में राकांपा प्रमुख से मुलाकात की। इस महीने की शुरुआत में किशोर के मुंबई स्थित आवास पर पवार से मिलने के बाद दोनों के बीच यह दूसरी मुलाकात थी।विपक्षी दलों के साथ बैठक से पहले शरद पवार मंगलवार को दिल्ली में एनसीपी की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक की अध्यक्षता भी करेंगे। बैठक में विभिन्न एजेंडे पर चर्चा की जाएगी।
सोनिया ने पार्टी महासचिवों की 24 को बुलाई बैठक
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 24 जून (गुरुवार) को पार्टी महासचिवों और प्रदेश प्रभारियों की बैठक बुलाई है। इस बैठक में चुनाव वाले राज्यों को लेकर चर्चा की जाएगी। यह जानकारी केसी वेणुगोपाल द्वारा जारी सर्कुलर में दी गई। जानकारी के अनुसार बैठक में महंगाई और पेट्रोल-डीजल मूल्यवृद्धि को लेकर कांग्रेस द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों का जायजा लिया जाएगा। संगठन की मजबूती के लिए पार्टी के भीतर सुधारों के लिए लगातार बढ़ रहे दबावों को देखते हुए यह बैठक काफी अहम मानी जा रही है।
दरअसल सोनिया गांधी चाहती हैं जिन राज्यों में अगले साल चुनाव हैं वहां मचे घमासान को चुनाव से पहले खत्म कर लिया जाए। वे पंजाब और राजस्थान में कलह खत्म करना चाहती हैं। कांग्रेस को यूपी, उत्तराखंड और पंजाब में काफी उम्मीदें हैं वहां अगले साल की शुरुआत में चुनाव होंगे। यही वजह है कि पार्टी नेतृत्व कई राज्यों में बदलाव पर विचार कर रहा है। पार्टी को नए अध्यक्षों का भी चयन करना है जिनके चुनाव कोरोना के कारण स्थगित कर दिए गए थे।