लालू यादव ने की थी भविष्यवाणी देश में होंगे सिर्फ दो फ्रंट

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दिल्ली। अपनी वाक्पटुता और देसी अंदाज़ से मशहूर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव का कोई सानी नहीं है। 2014 के आम चुनाव से लगभग दो साल पहले उन्होंने कहा था कि अब इस देश में केवल दो मोर्चे बचेंगे। एक होगा सेक्युलर फ्रंट और दूसरा कम्युनल फ्रंट। उन्होंने दावा किया था कि जनता तथाकथित कम्युनल फ्रंट को दरकिनार करके सत्ता की चाभी उनके मुताबिक सेक्युलर फ्रंट को दे देगी। उन्होंने कहा था कि मोदी इस देश के प्रधानमंत्री बन ही नहीं सकते।

एक टीवी शो में एंकर के एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा था कि,” हमारे यहाँ भोजपुरी में एक कहावत है, 7 चूहा खाके बिल्लार भई भक्तिन”। यानी 7 चूहा खाने के बाद बिल्ली कहती है कि हम अब शाकाहारी हो गए। दरअसल लालूप्रसाद यादव से आने वाले लोकसभा चुनाव के विषय पर सवाल पूछे जा रहे थे। इसी बीच एंकर ने उनसे पूछा कि नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनेंगे ? इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि कहाँ से वो प्रधानमंत्री बन जायेंगे। हम लोग क्यों इतनी कसरत कर रहे हैं। खैर इनकी कोशिश तो है चल रही रही है। मैं इनसे इतना कहना कहूंगा अगर दम है तो चुनाव के पहले नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद के लिए घोषणा करे। उन्होंने कहा, था, ‘ये इसलिए ऐसा नहीं कर रहे है क्योंकि इनकी नीति है कि यदि चुनाव के पहले प्रधानमंत्री पद के लिए नरेंद्र मोदी को दावेदार बना देंगे तो मुस्लिम वोट कट जायेगा। आगे उन्होंने कहा कि गुजरात के रिजल्ट आने के बाद सब साफ़ हो जायेगा और सारे कन्फ्यूजन खत्म हो जायेंगे। देश के लोग बेवकूफ नहीं है और यह इनकी साजिश है कि पहले नाम मत बोलिए नहीं तो मुस्लिम हम से भड़क जाएंगे, लालू जी चुनाव जीत जायेंगे।

गौरतलब है कि जब एंकर सवाल पूछा कि अगर आपकी पार्टी 2014 लोकसभा चुनाव में ज्यादा सीट लाती है तो आप प्रधानमंत्री बनेंगे? बड़ी सहजता से इसका जवाब देते हुए लालू प्रसाद यादव ने कहा कि नहीं अभी मैं इस झंझट में नहीं पडूँगा। हर व्यक्ति की मंशा होती है कि वह आगे बढ़े। मनमोहन सिंह ने भी नहीं सोचा की वो कभी प्रधानमंत्री बनेंगे। उन्होंने इस शो के दौरान कई बार इस बात का जिक्र किया था कि आने वाले लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय पार्टियां अकेले अपने दम पर सरकार नहीं बना सकती है। उन्हें लोकल पार्टियों की मदद लेनी पड़ेगी। हालांकि 2014 के आम चुनाव में भाजपा ने अकेले ही बहुमत हासिल कर लिया था और केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनी।