कोरोना से काफी मंहगा है ब्लैक फंगस का इलाज

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गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमितों पर अब म्यूकरमाइकोसिस यानी कि ब्लैक फंगस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. गाज़ियाबाद में भी ब्लैक फंगस के करीब दो दर्जन से आधी मामले सामने आए हैं. जिले में ब्लैक फंगस से एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है. आम तौर पर कोरोना को मात देने बाद ब्लैक फंगस का खतरा मंडराने लगता है. ब्लैक फंगस उन लोगों को शिकार बना रही है. जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कम है.

ब्लैक फंगस कोरोना से खतरनाक है साथ ही ब्लैक फंगस का इलाज कोरोना के इलाज से कई गुना महंगा भी है. इटीएन स्पेशलिस्ट, प्रोफेसर डॉ बृजपाल सिंह त्यागी के मुताबिक म्यूकरमाइकोसिस में एम्फोटेरिसिन-बी नाम का इंजेक्शन दिया जाता है. एम्फोटेरिसिन-बी के 50/एमजी इंजेक्शन की कीमत बाजार में 6 हज़ार रुपये हैं. म्यूकरमाइकोसिस के मरीज के वजन के 5/एमजी प्रीति किलो दिया जाता है. उदहारण के तौर पर मरीज़ का वजन 50 किलो है तो 250/एमजी एम्फोटेरिसिन-बी दिया जाता है यानी कि एक दिन में 5 एम्फोटेरिसिन-बी के इंजेक्शन लगाए जाते हैं. जिसका खर्च 30 हज़ार रुपये आता है।

प्रोफेसर डॉ त्यागी ने बताया म्यूकरमाइकोसिस में 21 दिन का एम्फोटेरिसिन का कोर्स होता है. 21 दिन लगातर इंजेक्शन दिए जाते हैं. जिसका कुल खर्च 6 लाख से अधिक है. जिसके बाद मरीज को ओरल ट्रीटमेंट पर रखना पड़ता है। डॉ त्यागी ने बताया अस्पताल में एम्फोटेरिसिन-बी का स्टॉक एक हफ्ते पहले की खत्म हो चुका है. अस्पताल में इलाज करा रहे मरीजों के तीमारदार दिल्ली से एंफोटरइसिन बी इंजेक्शन लेकर आते हैं. तीमारदारों को भी पर्याप्त मात्रा में इंजेक्शन नहीं मिल रहा है।