तीन प्रयासों में प्री भी नहीं हुआ था क्लीयर

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नई दिल्ली। आज हम आपको ऐसी एक कैंडिडेट की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने तमाम परेशानियों के बाद भी हार नहीं मानी और प्रयास जारी रखा. जिनका नाम है रुचि बिंदल. रुचि को यूपीएससी परीक्षा पास करने में पांच साल लग गए. उन्होंने कड़ी मेहनत और लगन से साल 2019 में यूपीएससी परीक्षा पास की और साथ ही टॉप भी किया. वह सीधे आईएएस रैंक के लिए चयनित हुईं. चलिए जानते हैं उनके इस सफर के बारे में।
प्री परीक्षा की तैयारी के विषय में बात करते हुए रुचि कहती हैं कि इस परीक्षा को पास करने के लिए खूब पढ़ें और खूब प्रैक्टिस करें. बस यही तरीका है इसे पास करने का. एक ही विषय के बहुत सारे सोर्स कलेक्ट नहीं करने चाहिए. इन्हें लिमिटेड रखें. जब तैयारी हो जाए तो खूब टेस्ट दें.

रुचि कहती हैं कि परीक्षा देने के लिये स्ट्रेटजी होनी चाहिए. प्री में जितने अधिक से अधिक प्रश्न हल कर सको, उतना अच्छा रहता है. रुचि पूरे पेपर को तीन राउंड्स में हल किया करती थी. पहले राउंड में वे उन्हें करती थीं, जिन प्रश्नों के लिये वह एकदम श्योर होती थी. दूसरे राउंड में वे प्रश्न जिसमें वे जानती थी कि चार में से कौन से दो या तीन गलत हैं फिर उन्हें करती थीं. सबसे लास्ट में वह ऐसे प्रश्न किया करती थीं, जिनमें वह सबसे ज्यादा कंफ्यूज होती थीं. ताकि कोशिश करके जितना हो सके प्रयास किया जाए.

रुचि बिंदल पहले तीन अटेम्पट्स में प्री भी क्लीयर नहीं कर पाईं थीं. लेकिन वह कभी निराश नहीं हुईं और लगातार मेहनत करती रही. हालांकि ये इतना आसान भी नहीं रहा. वह चौथे अटेम्पट में मेंस तक जरूर पहुंची लेकिन चयनित नहीं हो पाईं. इसके बाद उन्होंने अपनी गलतियों में सुधार किया. आखिरकार उनकी सालों की मेहनत रंग लाई और पांचवे प्रयास में उन्होंने तीनों चरण पास कर लिए और 39वीं रैंक के साथ टॉपर्स सूची में अपना नाम दर्ज कराया.