झारखंड. यास के तांडव से सैकड़ों तटीय गांवों में पानी भर गया और लाखों घर उजड़ गए। इससे पश्चिम बंगाल में तीन और ओडिशा में एक व्यक्ति की मौत हो गई। सिर्फ बंगाल में ही यास से एक करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं। लगातार बारिश से ओडिशा-बंगाल के कई जिले जलमग्न हैं। नदियों का जलस्तर बढ़ गया और सैकड़ों तटबंध टूट गए। राहत एवं बचाव दल लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने में जुटे हैं।
चक्रवात यास पश्चिम बंगाल और ओडिशा के बाद झारखंड पहुंच गया है। पश्चिमी सिंहभूम के जिला कलेक्टर ने बताया कि चक्रवात के तांडव को देखते हुए 201 राहत शिविर बनाए गए हैं। 596 लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाया गया है। निकासी जारी है। कुमारडुंगी में एनडीआरएफ की एक टीम लगाई गई है। चक्रवात यास कुमारडुंगी, मंझरी, चक्रधरपुर और चाईबासा से गुजरेगा। हमारे सभी प्रखंड रेड अलर्ट पर है।
तूफान के बाद राहत कार्य के लिए सेना, नौसेना और एनडीआरएफ की टीमों ने कमर कस ली है। गांवों से पानी निकाला जा रहा है। टूटकर गिरे पेड़ों को हटाकर रास्ता खोलने का काम भी शुरू हो गया है। सेना के एक अधिकारी ने बताया कि बंगाल में प्रशासन की मदद के लिए 17 कॉलम राहत सैनिकों को मोेर्चे पर लगाया है। इन सैनिकों ने दीघा में फंसे 32 लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। बिजली के टूटे खंभों की मरम्मत का काम भी तेजी से चल रहा है ताकि प्रभावित इलाकों में बिजली आपूर्ति जल्द से जल्द बहाल हो सके।