कोरोना की दूसरी लहर में वायरस के म्यूटेशन के कारण कई लोगों के आरटी-पीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट भी गलत आ रही है। इन समस्याओं से छुटकारा दिलाने के लिए वैज्ञानिकों ने परीक्षण की एक ऐसी तकनीक विकसित की है, जिसकी मदद से सिर्फ तीन घंटे में कोरोना का पता लगाया जा सकेगा। इस परीक्षण में सिर्फ गरारे के माध्यम से कोरोना का पता लगाया जा सकेगा। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने इसे मंजूरी भी दे दी है। ग्रामीण क्षेत्र, जहां लोगों को कोरोना का जांच के लिए काफी परेशान होना पड़ रहा है, विशेषज्ञ ऐसे स्थानों के लिए इस परीक्षण विधि को वरदान के तौर पर देख रहे हैं।
काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च ने कोरोना की जांच के लिए एक खास तकनीकि के बारे में लोगों को सूचित किया है। इस खास तकनीकि में सामान्य आरटी-पीसीआर टेस्ट की तरह स्वाब की जरूरत नहीं होगी। घर बैठे आसानी से अब आप संक्रमण का पता लगा सकेंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने इस तकनीकि को उल्लेखनीय बताया है। उन्होंने कहा कि इस तकनीकि से कोरोना की जांच में तेजी आएगी। बिना स्वाब के किए जाने वाला कोरोना का यह टेस्ट गेम-चेंजर साबित हो सकता है।