कोरोना संक्रमित होने के बाद आसाराम ने अपनी अन्य बीमारियों का इलाज कराने के लिए राजस्थान हाईकोर्ट में जमानत याचिका पेश की थी। आसाराम की तरफ से इलाज कराने के लिए दो महीने की अंतरिम जमानत देने की मांग की गई। इस पर हाईकोर्ट ने AIIMS से आज आसाराम की मेडिकल रिपोर्ट पेश करने को कहा था। हाईकोर्ट में आज न्यायाधीश संदीप मेहता व न्यायाधीश देवेन्द्र कच्छवाह की खंडपीठ में याचिका पर सुनवाई हुई।
कोरोना संक्रमित आसाराम की तबीयत में सुधार हो रहा है। उसका BP और ऑक्सीजन लेवल सामान्य बना हुआ है। राजस्थान हाईकोर्ट में AIIMS की तरफ से पेश इस रिपोर्ट के बाद उसकी जमानत याचिका पर सुनवाई 21 मई तक स्थगित कर दी गई। हाईकोर्ट ने 21 मई से पहले AIIMS से उसके स्वास्थ्य को लेकर नई रिपोर्ट मांगी है। तब तक आसाराम को AIIMS में ही रखा जाएगा। ऐसे में उसे जेल से बाहर आने के लिए 21 मई तक इंतजार करना होगा।
ऑनलाइन हुई सुनवाई में आसाराम की तरफ से दिल्ली के वकील सिद्धार्थ लूथरा ने पैरवी की। उन्होंने तर्क दिया कि आसाराम को हार्ट में तकलीफ है। साथ ही वे कई बीमारियों से परेशान है। ऐसे में वे आयुर्वेद पद्धति से अपना इलाज केरल जाकर कराना चाहते है। इस कारण मानवीय आधार पर जमानत दी जाए। राज्य सरकार की तरफ से जमानत का विरोध किया गया। वकील अनिल जोशी ने कहा कि AIIMS की तरफ से पेश आसाराम की मेडिकल रिपोर्ट में उसे किसी प्रकार की गंभीर बीमारी नहीं बताई गई है। फिलहाल उसका सिर्फ कोरोना संक्रमण का इलाज किया जा रहा है। वहीं, कोरोना संक्रमित व्यक्ति को 14 दिन तक आइसोलेट रहना अनिवार्य है। ऐसे में जमानत दिए जाने का कोई आधार नहीं बनता।