गाजियाबाद। राजू मिश्रा गाजियाबाद के वरिष्ठ पत्रकारों में से एक थे वह कई बड़े संस्थान में काम कर चुके थे। लेकिन कोरोना की सुनामी में राजू मिश्रा भी आ गए कुछ दिन पहले वह संक्रमित हुए धीरे-धीरे उनका संक्रमण बढ़ता चला गया। संजय नगर जिला अस्पताल में उन्हें भर्ती कराया गया। उसके बाद उनकी पत्नी भी संक्रमित हो गई दोनों को चेस्ट इनफेक्शन ज्यादा हो गया हालत इतनी बुरी हो गई की ऑक्सीजन लेवल लगातार गिरने लगा। जिसके बाद राजू मिश्रा का देहांत हो गया जबकि उनकी पत्नी अब भी अस्पताल में मौत से जंग लड़ रही।
हालांकि पत्रकारों ने अस्पताल में भर्ती कराने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया। पत्नी विपिन मिश्रा की हालत ज्यादा खराब होने पर उन्हें शिवम अस्पताल राजनगर में भर्ती कराया गया और राजू मिश्रा जिला अस्पताल में रहकर कोरोना से जंग लड़ रहे थे। लेकिन लंग्स इन्फेक्शन इतना हो चुका था कि कोरोनावायरस उनके ऊपर हावी होने लगा सरकारी अस्पताल में उचित इलाज ना मिलने की वजह से उन्हें शिवम अस्पताल राजनगर में भर्ती कराया गया लेकिन सरकारी अस्पताल में सही इलाज ना मिलने की वजह से हालत बद से बदतर हो चुकी थी आखिरकार राजू मिश्रा जिंदगी की जंग हार गये और बहुत ही तड़प के साथ उसने मौत को गले लगा लिया।
गौरतलब है कि जैसे ही राजू मिश्रा के मौत की खबर बाहर आई तो कलम के सिपाहियों की तो मानो उंगलियां ही अकड़ गई किसी को यकीन नहीं आ रहा था लेकिन यह सच था । इधर उनकी पत्नी की हालत भी बेहद खराब है जिन्हें लंग्स इन्फेक्शन बहुत ज्यादा है । जैसे ही गाजियाबाद के यशोदा अस्पताल प्रबंधन तंत्र को पता चला कि राजू मिश्रा की मौत हो गई है, तो उन्हें भी बड़ा दुख हुआ क्योंकि कल राजू मिश्रा को अस्पताल में भर्ती कराने के लिए उन्होंने भी एड़ी चोटी का जोर लगाया था । लेकिन खाली बेड न होने की वजह से वह अपनी सेवाएं राजू को ना दे सके जिसका उन्हें बेहद दुख है अस्पताल के कर्ता-धर्ता दिनेश अरोड़ा और उनके बेटे रजत अरोड़ा ने कहा कि राजू को तो हम नहीं बचा पाए लेकिन गाजियाबाद के पत्रकारों से हम वादा करते हैं कि उसकी पत्नी को बचाने के लिए कोई भी कोर कसर बाकी नहीं छोड़ेंगे। एक भी रुपया उसके परिवार से नहीं लिया जाएगा। सारा खर्चा यशोदा अस्पताल वहन करेगा।