सैनिटाइजर की मशीने बन गई है केवल शोपीस

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गाजियाबाद। जहां पूरे देश में बेकाबू कोरोना को लेकर केंद्र एवं राज्य सरकार बेहद चिंतित है। वहीं लगता है कि देश की राजधानी दिल्ली से लगे गाजियाबाद जिले के सरकारी विभागों में कोरोना पर कंट्रोल भी कमाई का माध्यम बन गया है। लगता है कि लाकडाउन के दौरान जो हाथों को सैनेटाइज करने के लिए मशीनें खरीदी गई थीं,उनके लिए केमिकल की कागजों पर ही खरीद हो रही है।

पैसा अफसरों की जेब में जा रहा है। चाहे नगर निगम का नवयुग मार्केट स्थित मुख्यालय हो अथवा जिले के स्वास्थ्य विभाग के मुखियां सीएमओ दफतर अथवा गाजियाबाद विकास प्राधिकरण कार्यालय सभी विभागों में शायद ये देखने वाला दूर तक कोई नहीं है कि जो लाक डाउन के दौरान हाथों को सेनेटाइज करने के लिए मशीनें खरीदी गई थीं,उनमें केमिकल है अभी अथवा नहीं।

जीडीए के स्टाफ की मानें तो मशीनें शो पीस बनी हुई है। यहां तक कि जीडीए गेट पर भी एक आधुनिक मशीन हाथों को सेनेटाइज करने के लिए लगायी गई थीं,जो कि पांव से संचालित की जाती थीं,देखा जाए तो ये मशीन भी शो पीस बनी हुई है। सूत्र बताते है कि केमिकल खरीद के नाम पर जबरदस्त तरीके से खेल हो रहा है। नगर निगम के द्वारा तो हाथों को सेनेटाइज करने के लिए चलते फिरते रिक्शे तैयार कराए थे,उस वक्त दावा किया गया था कि इन रिक्शों को शहर के प्रमुख स्थलों पर खडा किया जाएगा,ताकि लोग हाथों को सेनेटाइज कर सकें,लेकिन ये रिक्शे किस स्थिति में है,शायद दूर तक देखने वाला कोई नहीं है।