गाजियाबाद। एक तरफ जहां कोरोना संक्रमण के चलते अस्पतालों में बेड उपलब्ध नहीं है वहीं दूसरी ओर सरकार अपने किए हुए वादों से मुंह मोड़ रही है जिसका जीता जागता उदाहरण हिंडन नदी के तट पर बना हुआ हज हाउस है जहां पर चले वर्ष सरकार ने घोषणा की थी कि हज हाउस को आइसोलेशन सेंटर में तब्दील किया जाएगा लेकिन तमाम दावों और वादों के बाद निरीक्षण का दौर चला परंतु हज हाउस आइसोलेशन सेंटर आज तक नहीं बन पाया।
लगभग 54 करोड़ की लागत से आला हजरत हज हाउस समाजवादी पार्टी की सरकार में बनाया गया था। 6 मंजिला हज हाउस काफी फैला हुआ है। नियमों का हवाला देते हुए एनजीटी ने इसे सील कर दिया था। बीते साल यहां 500 बेड का आइसोलेशन सेंटर बनाने की बात थी। बता दें कि पिछले साल लॉकडाउन के दौरान हज हाउस में 500 बेड का आइसोलेशन सेंटर बनाने का दावा गाजियाबाद प्रशासन ने किया था. क्योंकि कोरोना महामारी तेजी से पैर पसार रही थी, घोषणाएं हुईं, आइसोलेशन सेंटर बनाने के लिए मीडिया के कैमरों के सामने अधिकारी इस हज हाउस का मुआयना भी करने आए, लेकिन 1 साल बाद भी इस हज हाउस में एक बेड नहीं पड़ा. आज भी ये हज हाउस खंडर सा पड़ा हुआ है। टीम ने हज हॉउस के गार्ड और केयर टेकर से बात की। संजीत तिवारी का कहना है कि पिछले साल लॉकडाउन के दौरान यहां कई अधिकारी आए थे, मुआयना किया था, लेकिन अभी तक इसमें कुछ हुआ नहीं है. आइसोलेशन सेंटर बनाने की बात हुई थी. संजीत के मुताबिक हज हाउस इतना बड़ा है कि 500 से ज्यादा बेड यहां बनाये जा सकते हैं।
गौरतलब है कि साल 2016 में हज हाउस का उद्घाटन यूपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किया था। इसे बनवाने में आजम खान पर बाद में घोटाले का आरोप भी लगा था। हज हाउस से चंद कदमों की दूरी पर ही श्मशान घाट है जहां रोजाना बड़ी संख्या में लाशें पहुंच रही हैं। अगर हज हाउस में बेड तैयार होता तो लोगों को राहत मिलती, लेकिन अभी तक यहां पर सन्नाटा ही पसरा हुआ है।