चमोली के सबाड और धारचूला में शहीद सैनिकों के घर से मिट्टी सैन्यधाम में लाने के लिए शुरू की जा रही है सैनिक सम्मान यात्रा

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देहरादून: प्रदेश के शहीद सैनिकों के घर से मिट्टी सैन्यधाम में लाने के लिए शुरू की जा रही है सैनिक सम्मान यात्रा चमोली के सबाड गांव और पिथौरागढ़ के धारचूला से शुरू की जाएगी। सैनिक कल्याण विभाग दस दिन के भीतर इस यात्रा का पूरा रोडमैप तैयार करेगा।

मंगलवार को सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने विधानसभा में सैनिकों के सम्मान और उनके कल्याण के संबंध में बैठक की। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सैनिकों की भूमि है और देश का हर पांचवा सैनिक उत्तराखंड से है। इसी को देखते हुए सरकार सैनिकों के सम्मान तथा कल्याण के लिए महत्वपूर्ण निर्णय ले रही है। इसी क्रम में उत्तराखंड के पांचवें धाम के रूप में सैन्य धाम की स्थापना करने का निर्णय लिया गया है। सरकार ने अब यह निर्णय लिया है कि प्रथम विश्व युद्ध से लेकर आज तक प्रदेश के जितने भी सैनिक शहीद हुए हैं, उनके घर जाकर एक सम्मान पत्र संबंधित परिवार को दिया जाएगा और उसके घर से मिट्टी सैन्य धाम लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि मिट्टी लाने से संबंधित सैनिक सम्मान यात्रा की शुरुआत सबसे अधिक गैलिंटियर्स अवार्ड प्राप्त सैनिकों के क्षेत्र, यानी चमोली के सबाड गांव और पिथौरागढ़ के धारचूला से की जाएगी।

बैठक में उन्होंने सैनिक कल्याण विभाग के अधिकारियों को विभिन्न जिलों में स्थित सैनिक कल्याण विश्राम गृह का जायजा लेने को कहा। उन्होंने निर्देश दिए कि जहां भी भवन पुराने और जर्जर हो चुके हैं, उनकी मरम्मत का प्रस्ताव तैयार किया जाए। कैबिनेट मंत्री ने सेना की भर्ती की तैयारी करने वाले बच्चों को उपनल के स्वामित्व वाली भूमि पर ही प्रशिक्षण के लिए आधारभूत ढांचा तैयार करने के निर्देश दिए। बैठक में निदेशक सैनिक कल्याण ब्रिगेडियर केबी चंद (सेवानिवृत्त) व उप निदेशक सैनिक कल्याण कर्नल विजय सिंह (सेवानिवृत्त) समेत अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।