गाजियाबाद। जिले में 11 माह बाद बुधवार को कक्षा छह से आठ तक के स्कूल खोले गए लेकिन अभिभावकों में कोरोना का डर साफ दिखाई दिया। इसीलिए निजी स्कूलों में बहुत कम बच्चे पहुंचे। वहीं, सरकारी स्कूलों में उपस्थिति ठीक रही। ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में करीब 40 प्रतिशत तक छात्र-छात्राएं पहुंचे। शहरी क्षेत्र के स्कूलों में उपस्थिति कम रही। सभी स्कूलों ने बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए सैनिटाइजेशन, थर्मल स्क्रीनिंग और अच्छी साफ-सफाई की व्यवस्था की।
अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने में चिंतित नजर आए। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि सरकार ने भले ही स्कूलों को खोलने का फरमान जारी कर दिया हो लेकिन अभिभावकों के मन से अभी भी कोविड-19 संक्रमण का खौफ बाहर नहीं निकला है जिसके चलते कहीं ना कहीं अभिभावक पूरी तरह से बच्चों को स्कूल भेजने में चेचक रहे हैं जबकि इसका दूसरा पहलू यह है कि पूरे वर्ष शिक्षण कार्य स्थगित रहे जिसके चलते शैक्षिक रूप से बच्चों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है अब ऐसे में अगर नए शिक्षा सत्र में तेजी से पढ़ाई की कराई जाए तो कहीं ना कहीं थोड़ी बहुत बच्चों के शैक्षिक नुकसान की भरपाई की जा सकती है।