गाजियाबाद। तीनों कृषि कानूनों को रद करने की मांग को लेकर जहां एक ओर दिल्ली-उत्तर प्रदेश के गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का धरना प्रदर्शन शुक्रवार को भी जारी रहा। वहीं, दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वपूर्ण योजना मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेस वे(डीएमई)से प्रभावित किसानो ने फिर एक्सप्रेस वे पर काम को जबरन रूकवा दिया ओर गांव सैदपुर के पास धरने पर किसान बैठ गये।इसकी जानकारी मिलते ही पुलिस प्रशासन के अधिकारियो के बीच खलबली मच गयी।
दरअसल दो दिन पूर्व ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डीएमई के मुद्दे पर विडियो क्राफ्रेसिंग कर समीक्षा बैठक की थी,उनकी समीक्षा बैठक के बाद केंद्रीय परिवहन नितिन गडकरी ने रेलवे प्रशासन से मिलने वाली एनओसी को लेकर कल टिवट् जारी किया कि जून माह तक आरओबी बनकर तैयार हो जायेगा। प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री की ओर से एक्सप्रेस की इस महत्वपूर्ण योजना पर रात दिन कार्य ने गति पकडी हुई है। तो वही एक्सप्रेस वे की अधिग्रहित भूमि के एक सामान मुआवजे की मांग,भोजपुर से खरखौदा रोड,कलछीना तक सर्विस रोड बनाने की मांग को लेकर शुक्रवार को फिर किसान सडक पर उतर आये।
किसानो ने एक्सप्रेस वे पर काम कर रहे इंफ्रास्टक्चर कंपनी के अभियंताओ,कर्मियो को खदेड दिया ओर उनकी मशाीनो को जब्त कर काम काज ठप्पकरा दिया। ओर गांव मुरादाबार एक्सप्रेस मार्ग पर धरना आरंभ करा दिया। धरने की अध्यक्षता किसान नेता दलबीर सिंह ने की । संचालन रालोद नेता सतीश राठी ने किया। किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष मनवीर त्यागी ने कहा कि कृषि बिल वापिस लेने की मांग को लेकर जहाँ किसानो में आक्रोश पनपा पडा है,तो वही भाजपा के सांसद डा सत्यपाल सिंह,विधायक डा मंजू शिवाच से लेकर केंद्रीय मंत्री तक ने डीएमई के किसानो को एक सामान मुआवजा दिलाने का आश्वासन देकर कई बार धरना समाप्त कराया,उसके बावजूद कमिश्नर से लेकर डीएम व जिले के प्रभारी मंत्री सुरेश खन्ना ने भी किसानो की समस्या का हल कराने का आश्वासन दिया। लेकिन डेढ वर्षा में किसानो के साथ झूठे आश्वासन देकर ठगा गया।
किसानो की समस्या वही ज्यो की त्यों खडी है।सत्ता के जनप्रतिनिधियो व प्रशासनिक रैवये की इस कार्यप्रणाली के खिलाफ अब फिर किसान मुखर हुये है ओर जब तक उनकी मांगे नही पूरी होगी। धरना प्रदर्शन जारी रहेगा।एक्सप्रेस पर कोई काम नही करने दिया जायेगा।