CBI की आगरा में डॉ. दीप्ति हत्याकांड में छापेमारी, पति व ससुर के घर पर छानबीन कर जुटाए अहम साक्ष्य

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के आगरा में डॉ. दीप्ति अग्रवाल की दहेज हत्या के मामले में सीबीआइ ने अपनी जांच के कदम बढ़ाए हैं। सीबीआइ लखनऊ की स्पेशल क्राइम ब्रांच ने शुक्रवार को आगरा में डॉ. दीप्ती अग्रवाल के पति डॉ. सुमित अग्रवाल और ससुर डॉ. एससी अग्रवाल के आवासों पर छापा मारा और लंबी छानबीन की। इस दौरान सीबीआइ ने डॉ. सुमित अग्रवाल का लैपटॉप, पिता और पुत्र के चार मोबाइल फोन तथा कई बैंक खातों व संपत्तियों के दस्तावेज कब्जे में लिए हैं। सीबीआइ ने डॉ. दीप्ति के कई नोट्स और उनकी फोटोकापी भी कब्जे में ली हैं। सीबीआइ आगे की छानबीन कर रही है। 

आगरा में डॉ. दीप्ति अग्रवाल की दहेज हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सीबीआइ लखनऊ ने बीती 22 जनवरी को अपना केस दर्ज किया था। सीबीआइ की टीम ने डॉ. दीप्ति के पति डॉ. सुमित अग्रवाल के आगरा स्थित वैभव वैल्यू अपार्टमेंट तथा अजमेर रोड, चाणक्यपुरी स्थित डॉ. सुमित के पिता डॉ. एससी अग्रवाल के आवास में छानबीन की और कई अहम साक्ष्य जुटाए। डॉ. दीप्ति के पिता मथुरा निवासी डॉ. नरेश कुमार मंगला ने सात सितंबर, 2020 को आगरा के ताजगंज थाने में अपनी बेटी डॉ. दीप्ति की दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने आरोपित डॉ. दीप्ती के पति डॉ. सुमित, ससुर एससी अग्रवाल, सास अनीता, जेठ अमित व जेठानी तूलिका के खिलाफ एफआइआर दर्ज की थी।

डॉ. दीप्ति के पिता डॉ. नरेश कुमार मंगला का आरोप था कि उन्होंने अपनी बेटी की शादी में करीब 1.5 करोड़ रुपये खर्च किए थे। इसके बाद भी ससुरालीजन ने और दहेज की मांग को लेकर उनकी बेटी को प्रताड़ित किया। कई बार पैसा देने के बाद भी डॉ. दीप्ति का उत्पीड़न नहीं रुका। तीन अगस्त 2020 को ससुरालीजन ने डॉ. दीप्ति को बुरी तरह पीटा और गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद उनका इलाज नहीं कराया। जब वह दीप्ति के घर पहुंचे तो उन्हें बेटी मरणासन्न हालत में मिली। डॉ. नरेश बेटी को इलाज के लिए फरीदाबाद ले गए, जहां उनकी मृत्यु हो गई थी।

  • कब क्या हुआ
  • 03 अगस्त 2020 : डॉ. दीप्ति अपने फ्लैट में फंदे से लटकी मिलीं।
  • 06 अगस्त 2020 : उपचार के दौरान डा. दीप्ति की मौत हो गई। 
  • 07 अगस्त 2020 : डॉ. नरेश मंगला ने ताजगंज थाने में दहेज मृत्यु, दहेज उत्पीड़न, मारपीट, गाली गलौज और गर्भपात कराने की धारा में मुकदमा दर्ज कराया, जिसमें दीप्ति के पति के साथ सास-ससुर, जेठ-जेठानी को नामजद किया।
  • 08 अगस्त 2020 : डॉ. सुमित को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
  • 29 सितंबर 2020 : हाई कोर्ट से अन्य आरोपितों को अग्रिम जमानत मिल गई। 
  • 24 अक्टूबर 2020 : विवेचक ने आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट लगा दी। 
  • 27 अक्टूबर 2020 : वादी ने आरोपितों की अग्रिम जमानत निरस्त कराने को सुप्रीम कोर्ट में अपील की।
  • 17 दिसंबर 2020 : सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के अग्रिम जमानत वाले आदेश को निरस्त कर सीबीआइ को अग्रिम विवेचना करने का आदेश किया।
  • 27 जनवरी : सीबीआइ ने केस दर्ज कर लिया।
  • 12 फरवरी : सीबीआइ ने फ्लैट में जांच की। सर्च के दौरान लैपटॉप और मोबाइल मिले।