लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने बीएड व बीटीसी कर रहे गरीब छात्र-छात्राओं को दी जाने वाली सरकारी छात्रवृत्ति व फीस भरपाई की राशि के वितरण पर लगी रोक हटा ली है। इससे बीएड व बीटीसी छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति का रास्ता साफ हो गया है। घपलों की आशंका पर वित्त विभाग ने बीएड व बीटीसी छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति पर रोक लगा दी थी। अब सरकार ने रोक हटाते हुए सशर्त छात्रवृत्ति देने का निर्णय लिया है। बीएड व बीटीसी के निजी संस्थानों के सभी मानकों की सौ फीसद जांच व सत्यापन के बाद ही छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति दी जाएगी।
प्रमुख सचिव समाज कल्याण बीएल मीणा की ओर से जारी आदेश के मुताबिक पूर्व में गठित मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में जांच समिति छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति के संबंध में निजी संस्थानों की आठ बिंदुओं की विस्तृत जांच करेगी। बीटीसी संस्थानों की मान्यता संबंधी जांच बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा गठित और बीएड व अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों की मान्यता संबंधी जांच उच्च शिक्षा विभाग द्वारा गठित समिति करेगी।
मान्यता संबंधी जांच शत-प्रतिशत पूरी होने के बाद ही छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति दी जाएगी। जहां भी गड़बड़ियां मिलेंगी, समाज कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण व पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के निदेशक कार्रवाई करेंगे। छात्रवृत्ति में गबन हुई धनराशि की वसूली जिलाधिकारी के माध्यम से कराई जाएगी। प्रमुख सचिव ने निदेशक समाज कल्याण को बैक एंड डाटा सत्यापन करने की जिम्मेदारी सौंपी है। संदिग्ध मामले जिलाधिकारी अनुश्रवण समिति को भेजने के लिए कहा गया है।