‘गब्बर को मिली किस बात की सजा’ यूपी पुलिस के ट्वीट ने तोड़ा रिकॉर्ड, जानिए क्या दिया संदेश

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लखनऊ। फिल्म ‘शोले’ की शोहरत के जादू ने यूपी पुलिस के एक ट्वीट को रिकॉर्ड सफलता दी है। ‘गब्बर’ और ‘ठाकुर’ के किरदार के साथ बनाई गई पुलिस की स्क्रिप्ट ने इंटरनेट मीडिया पर ऐसा धमाल मचाया कि रीट्वीट और लाइक का सिलसिला चल पड़ा।

कोविड-19 के खतरों के प्रति जागरूकता के लिए खाकी ने अलग अंदाज में डाकू और पुलिस के बीच मुकाबले के एक ऐसे दृश्य को चुना, जिसने कुछ सेकेंड में ही पूरी बात कह दी। यूपी पुलिस ने कोरोना के प्रति जागरूकता के लिए शोले का वह सीन ट्वीट किया, जिसमें गब्बर सिंह खुले में थूकता है और फिर इंस्पेक्टर ठाकुर बलदेव सिंह से बचकर भागने का प्रयास करता है। घोड़े पर सवार इंस्पेक्टर बलदेव सिंह भाग रहे गब्बर का पीछा कर उसे दबोच लेते हैं। संदेश साफ है कि खुले में थूकना अपराध है और पुलिस कार्रवाई के लिए तत्पर है।

इसी के साथ पुलिस ने लोगों से सार्वजनिक स्थान पर न थूकने की सीधी अपील की है। इस ट्वीट की टैग लाइन भी बेहद दिलचस्प है- ‘गब्बर को मिली किस बात की सजा’। यूपी पुलिस के इस ट्वीट को अब तक सर्वाधिक लोकप्रियता हासिल हुई है। सोशल मीडिया सेल की क्रिएटिव टीम का पर्यवेक्षण कर रहे एएसपी राहुल श्रीवास्तव के अनुसार 20 जनवरी की रात किए गए गब्बर के ट्वीट को तीन दिनों में ही सर्वाधिक रीट्वीट के साथ 25 हजार से अधिक लाइक्स मिले हैं। 5288 से अधिक रीट्वीट व नौ लाख से अधिक इम्प्रेशन पाने वाला यह यूपी पुलिस का इकलौता ट्वीट बन गया है।

यूपी पुलिस के सोशल मीडिया सेल ने अलग-अलग विषयों पर जागरूकता के लिए अपने ट्विटर हैंडल को नया हथियार बनाया है। इसके जरिये यूपी पुलिस की छवि में सुधार का प्रयास भी है। इसी कड़ी में यूपी पुलिस के ट्विटर हैंडल से टेस्ट मैच में आस्ट्रेलिया टीम पर भारत की ऐतिहासिक जीत पर बधाई का ट्वीट भी खूब सराहा जा रहा है। सड़क जागरूकता माह के तहत यूपी पुलिस ने जीवन साथी टैग लाइन से एक ट्वीट किया है, जिसमें एक तस्वीर में परिणय बंधन और दूसरी तस्वीर में सीट बेल्ट को दिखाकर लोगों को अपनी सुरक्षा के लिए प्रेरित किया गया है। पुलिस को ऐसे ट्वीट में लोगों के सार्थक कमेंट भी खूब मिल रहे हैं।

एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि डीजीपी मुख्यालय स्थित सोशल मीडिया सेल को और अधिक क्रियाशील बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। ट्वीट के जरिये लोगों को जागरूक करने के साथ ही उनके समक्ष सही तथ्यों को भी रखा जा रहा है।