गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शनिवार को जनपद भ्रमण कार्यक्रम को लेकर प्रभारी मंडल आयुक्त मेरठ मंडल रितु माहेश्वरी एवं आईजी पुलिस मेरठ जोन प्रवीण कुमार ने नवनिर्मित भवन कैलाश मानसरोवर का निरीक्षण किया। दोनों अधिकारियों ने कार्यक्रम को जनपद में सकुशल संपन्न कराने एवं सुरक्षा की दृष्टि से प्रशासन एवं पुलिस के अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
कैलाश मानसरोवर यात्रा भवन का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कल शाम को लोकार्पण करेंगे। मंडलायुक्त रितु महेश्वरी ने कार्यक्रम से जुड़े हुए विभागीय अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी अधिकारी गण अपने अपने कार्यों को तत्परता के साथ पूर्ण करने की कार्यवाही करें ताकि मुख्यमंत्री का कार्यक्रम जनपद में मानकों के अनुसार सकुशल संपन्न हो सके। स्थल निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय एवं एसएसपी कलानिधि नैथानी मौके पर उपस्थित रहे। कार्यक्रम को दृष्टिगत रखते हुए जिलाधिकारी शंकर पांडेय एवं एसएसपी कलानिधि नैथानी ने निरंतर स्तर पर कार्यक्रम स्थल एवं संबंधित मार्गों का स्थल निरीक्षण करते हुए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश भी प्रदान किए। मुख्यमंत्री का कार्यक्रम को लेकर प्रशासनिक एवं पुलिस तथा अन्य संबंधित अधिकारियों ने अपने अपने स्तर पर व्यापक तैयारियां सुनिश्चित की जा रही हैं।
कुछ दिनों पूर्व प्रदेश के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने भी कैलाश मानसरोवर ययात्री भवन का निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्होंने जिलाधिकारी को कैलाश मानसरोवर यात्री भवन के संचालन के लिए जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय को अवश्यक दिशा निर्देश दिए थे। इंदिरापुरम के शक्ति खंड -4 में धर्मार्थ विभाग द्वारा नवनिर्मित कैलाश मानसरोवर यात्री भवन का निर्माण 9000 वर्ग मीटर में लगभग 6948 लाख रुपए की लागत से किया गया। कैलाश मानसरोवर यात्रा भवन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट है। कैलाश मानसरोवर भवन का निर्माण कार्य 6 जून 2018 में शुरू किया गया था।
बेसमेंट सहित 6 तल में बने मानसरोवर भवन में 280 लोगो के रुकने की व्यवस्था की गई है। जिसमे बेसमेंट में पार्किंग,अंडरग्राउंड टैंक और पम्प रूम बनाए गए है। जबकि भूतल 103 वाहनों की पार्किंग डायनिंग हॉल रिसेप्शन, किचन, एडमिन आॅफिस, मेडिकल रूम अकाउंट आॅफिस लॉन्ड्री और लगभग 200 लोगों की क्षमता वाला सेमिनार हॉल बनाया गया है इसके अतिरिक्त प्रथम तल से चतुर्थ तल तक यात्रियों के रुकने के लिए लगभग 90 कमरे बनाए गए है, जिनमे एक बार में लगभग 280 यात्री रुक सकते हैं।