गाजियाबाद। कृषि बिलों के विरोध में उतरे किसानों के आंदोलन को रालोद ने भी समर्थन का ऐलान कर रखा है। किसानों के समर्थन में राष्ट्रीय लोकदल के कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट का घेराव करते हुए प्रदर्शन किया। बाद में सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से एक ज्ञापन राष्टपति को भेजा गया। राष्टपति को भेजे गए ज्ञापन में रालोद पदाधिकारियों ने कहा है कि हमारे कृषि प्रधान देश के किसानों ने सदैव देश की अर्थव्यवस्था में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
कोरोना जैसी वैश्विक महामारी और लॉक डाउन के फलस्वरूप भी किसानों द्वारा उत्पादन करके अर्थव्यवस्था में बेहद महत्वपूर्ण सहयोग दिया गया लेकिन केंद्र सरकार द्वारा कृषि संबंधी ऐसे कानून पारित किए गए हैं जिनके लागू होने से किसानों की स्थिति सोचनीय ही नहीं बल्कि दयनीय हो जाएगी। किसान विरोधी कानूनों के फलस्वरूप मंडी समितियों और एमएसपी समाप्त हो जाएंगी तथा कारपोरेट जगत की स्वेच्छा से दी जाने वाली कीमत पर कृषि उपज की खरीद होगी तथा पूंजीपतियों और किसानों के बीच संभावित विवादों का निस्तारण भी सिविल कोर्ट में न होने से किसानों के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन होगा।
राष्ट्रपति से मांग रखते हुए राष्ट्रीय लोकदल किसानों की भावी पीड़ा का आभास कराते हुए अनुरोध करता है कि किसान विरोधी कानून को निरस्त करने की अनुशंसा करते हुए देश के किसानों के पक्ष में ऐतिहासिक निर्णय लें ताकि किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह की भावना के अनुरूप देश के सभी अन्नदाता खुशहाली के साथ देश की अर्थव्यवस्था में अभूतपूर्व योगदान कर सकें।
इस मौके पर पार्टी के महानगर अध्यक्ष रविन्द्र चौहान,राष्ट्रीय प्रवक्ता इंद्रजीत सिंह टीटू, राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य तेजपाल सिंह,एडवोकेट अजयवीर सिंह, योगेन्द्र वीरभान, मनवीर सिंह, अभिषेक त्यागी, प्रदीप त्यागी, सरताज चौधरी, सतबीर प्रधान, योगेन्द्र पतला, कुर्बान अली, भूपेन्द्र, सतेंद्र तोमर, रणवीर मलिक, ललित सैन, सतपाल, शेर सिंह, राजीव तालान समेत पार्टी के अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।