देहरादून। कोरोना संकट की वजह से छोटे रखे गए विधानसभा सत्र में कांग्रेस बड़ी छाप छोड़ने की तैयारी में है। कांग्रेस विधायकों ने सत्तारूढ़ भाजपा के दिवंगत विधायक सुरेंद्र सिंह जीना के शोक संवेदना के दिन सदन में अनुपूरक बजट पेश करने पर तीखी आपत्ति जताते हुए सरकार और भाजपा को घेरने की कोशिश की। विधानसभा में उप नेता प्रतिपक्ष करन माहरा व विधायक काजी निजामुद्दीन ने सरकार पर विधानसभाओं की परंपरा तोड़ने का आरोप लगाया। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने शोक प्रस्तावों में विपक्ष को कम मौका देने के लिए सदन में ही सरकार को खरी-खोटी सुना दी। यही नहीं, पार्टी ने भ्रष्टाचार के बड़े मामलों को उजागर करने के संकेत भी दिए।
सोमवार से प्रारंभ हुए तीन दिनी विधानसभा सत्र में कांग्रेस के तेवर तल्ख रहने वाले हैं। प्रमुख प्रतिपक्षी दल सदन के भीतर सरकार को बख्शने के मूड में नहीं है। पहले दिन पार्टी ने सरकार को उसकी खामियां याद दिलाने पर पूरा जोर लगा दिया। विधायक काजी निजामुद्दीन ने सदन की कार्यवाही प्रारंभ होते ही दिवंगत विधायक सुरेंद्र सिंह जीना के शोक प्रस्ताव के दौरान भी सरकार पर अपने बिजनेस को तवज्जो देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सोमवार को दिवंगत विधायक सुरेंद्र सिंह जीना के साथ ही दिवंगत अन्य पूर्व विधायकों को सदन में श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित नहीं की गई। उन्होंने सरकार पर विधानसभाओं की स्थापित परंपराओं का सम्मान नहीं करने का आरोप लगाया।
भ्रष्टाचार के बड़े मामले का करेंगे पर्दाफाश
मीडिया से बातचीत में उप नेता प्रतिपक्ष करन माहरा ने कहा कि प्रदेश ने एक होनहार नेता और विधायक को खोया है। उनके निधन के मामले में सरकार ने संवेदनहीनता दर्शाने की कोशिश की है। सितंबर में विधायक सुरेंद्र सिंह जीना का निधन हो गया था, लेकिन विधानसभा सत्र के लिए राज्यपाल को प्रस्ताव भेजते वक्त सरकार ने शोक संवेदना के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित करने का ध्यान नहीं रखा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सदन में भ्रष्टाचार के बड़े मामले को उजागर करेगी। इससे जीरो टॉलरेंस के सरकार के दावे की पोल खुल जाएगी।
किसान आंदोलित, करेंगे प्रहार
नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश सोमवार को सदन में दिवंगत विधायक व पूर्व विधायकों के शोक श्रद्धांजलि प्रस्ताव पर विपक्ष को बोलने का मौका नहीं देने पर भड़क गईं। उन्होंने कहा कि भारी बहुमत का अर्थ यह नहीं है कि विपक्षी विधायकों को बोलने का मौका नहीं दिया जाए। उनके तेवर देखते हुए सत्तापक्ष के तकरीबन आधा दर्जन विधायकों के बाद कांग्रेस विधायकों को बोलने का मौका मिला।
उन्होंने कहा कि किसानों के मुद्दे पर मंगलवार को सरकार को घेरा जाएगा। किसान आंदोलित हैं, लेकिन केंद्रीय कृषि कानूनों को लेकर उनके आंदोलन को सरकार नकारने की कोशिश कर रही है। ऐसा होने नहीं दिया जाएगा। बुधवार को कांग्रेस भ्रष्टाचार को लेकर सरकार पर तीखे प्रहार करेगी। एनएच-74 घोटाले पर शुरुआती तेजी दिखाने के बाद अब चुप्पी साध ली गई। छात्रवृत्ति घोटाले में दोषियों को बचाने की कोशिश की जा रही है। विकास प्राधिकरण भ्रष्टाचार के अड्डे बन गए हैं। आम जनता इससे परेशान है।