गाजियाबाद। सत्तारूढ़ दल भाजपा को ऐसे ही सत्ता हासिल नहीं हो गई दरअसल भाजपा ने अपने संगठन को लेकर जो मेहनत की उसका नतीजा उन्हें गत विधानसभा चुनाव में मिला। वहीं लोकसभा चुनाव में भी मजबूत संगठन के सहारे ही भाजपा लगातार सफलता की सीढ़ियां चढ़ रही है। इस मामले में समाजवादी पार्टी बहुत पीछे दिखाई दे रही है। दरअसल स्थानीय स्तर पर जिस तरह से महिला संगठन में पदों का वितरण किया जा रहा है। वह बेहद चिंताजनक है क्योंकि ऐसे हाथों में महिला संगठन को सौंप दिया गया है जो हाथ किसी भी तरह से सक्षम दिखाई नहीं दे रहे हैं।
हाल ही में कई विवाद भी सपा महिला सभा संगठन के साथ जुड़े हुए नजर आए हैं। जहां ताजा मामला फर्जी सिग्नेचर का है। इसके बावजूद देखा जाए तो लोनी से लेकर मोदीनगर तक विभिन्न विधानसभाओं में पार्टी ने ऐसे लोगों को पदाधिकारी बनाया है जो कि राजनीतिक,सामाजिक और व्यक्तिगत रूप से प्रभावहीन है। ऐसे में बड़ी बात यह है कि आगामी विधानसभा चुनाव में पांचों विधानसभाओं की आधी आबादी यानी महिलाओं के वोट बैंक तक समाजवादी साइकिल किस तरह पहुंच सकेगी
कुछ समय पहले समाजवादी पार्टी ने महिला सभा की जिलाध्यक्ष के रूप में कमलेश चौधरी को जिले की कमान सौंपी थी। कमलेश चौधरी के पास राजनीतिक अनुभव, वाकपटुता और सामाजिक जानकारियों का अभाव है। जिसके बाद उन्होंने अपनी टीम का विस्तार किया तब उसी तरह के लोगों को टीम में लगातार जिम्मेदारी देती चली गई जो कि प्रभावहीन नजर आ रहे हैं। लोनी क्षेत्र में उन्होंने मेनका त्यागी को विधानसभा अध्यक्ष बनाया। जिनके बारे में कहा जाता है कि उनके पड़ोसी ही उन्हें नहीं जानते। ऐसे में लोनी की लगभग दो लाख महिला मतदाताओं के बीच किस तरह से सुश्री त्यागी पार्टी को मजबूत करेंगे यह देखना रोचक होगा। हालांकि इस क्रम में अभी खोड़ा नगर अध्यक्ष का पद खाली है।
जहां पार्टी को कोई ठीक-ठाक महिला नेत्री नहीं मिल रही है। इसके अलावा मोदीनगर, मुरादनगर क्षेत्र में भी महिला संगठन की स्थिति बहुत अच्छी नहीं बताई जा रही है। कुल मिलाकर कहा जा रहा है कि सपा महिला सभा इस वक्त डूबता जहाज है जो कि अपने अस्तित्व के लिए लगातार संघर्ष कर रहा है।