भारी तादाद में बंदी भाइयों से मिलने पहुंचे बहने

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रेडियो जॉकी के जरिए दिया भाइयों को संदेश, भाइयों से मुलाकात ना होने पर रुआसी हुई बहने, सुरक्षा व्यवस्था रही चाकचौबंद, कोरोना काल के चलते नही हुई मुलाकात

गाजियाबाद । कोरोना काल मे डासना की जिला जेल में भारी तादाद में महिलाए अपने बन्दी भाइयो से मुलाकात के लिए पहुंची। महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जेल प्रशासन ने  जेल सुरक्षाकर्मियों के अलावा  पीएसी व बाहर से पुलिस का भी खासा इंतजाम किया हुआ था।

सैकड़ो महिला, बच्चें एवं पुरूष ने जेल में बंद अपने परिजनों से रेडियो जॉकी के जरिये संदेश भेजकर भैया दूज के पर्व को  मनाया है। गौरतलब है कि सोमवार को पूरे देश भर में भाई-बहन के स्नेह और प्यार का त्योहार भैया दूज मनाया गया है। इस दिन बहन अपने भाई की लंबी आयु और अच्छी जिंदगी के लिए प्रार्थना करती है। हिंदू धर्म में भैया दूज के पर्व का खासा महत्व है। हालांकि जेल में मुलाकात को पहुंची बहन जेल में बंद अपने भाइयों से मुलाकात न होने से खासी रुआंसी दिखाई दी। लिहाजा जेल प्रशासन ने दूरदराज से आई बहनों के लिए रेडियो जॉकी के जरिए बंदी भाइयों तक संदेश पहुंचाने का कार्य बखूबी किया गया ।

हालांकि अपने भाइयों से मुलाकात ना होने पर बहने बुझे हुए मन से वापस चली गई, मगर उन्हें इस बात की तसल्ली हुई कि कोरोना महामारी के चलते जहां एक तरफ उनके अपने भाइयों से मुलाकात नहीं हो पा रही वहीं रेडियो जॉकी के जरिए उन्होंने अपना संदेश अपने भाइयों तक अपनी आवाज में पहुंचाने का कार्य किया। मुलाकात को आई बहनों का कहना है कि भगवान यह दिन किसी को भी ना दिखाएं और जल्द से जल्द उनके भाई व बेटे जेल से रिहा होकर आजाद हो जाएं ।क्योंकि खुली हवा की आजादी कुछ और होती है और जेल में बंद भाइयों की लंबी उम्र की कामना भी की। 

बता दे कि गाजियाबाद की डासना जेल भारत की हाईटेक जेलो में सुमार है और यहां पर मुस्लिम महिलाएं भी अपने भाइयों के साथ भैया दूज का पर्व मनाने के लिए लाइनों में खड़ी दिखाई दी है। और जेल के अंदर जाने का इंतजार करती देखी गई है। मुस्लिम महिलाओं ने बताया कि भाई बहन का त्यौहार किसी भी मजहब से परे है। जरूरी नहीं है कि हिंदू या मुस्लिम सभी धर्मों में भाई बहनों का प्यार होता है। इसीलिए हम इस त्योहार को मनाते हैं।  डासना जेल के जेलर आनंद कुमार शुक्ला ने बताया कि महिलाए, बच्चों को अत्यन्त खुशी रेडियो जॉकी के जरिये संदेश भेजकर भैया दूज का पर्व मनाया गया। बंदियों के बाहर से आने वाले परिजनों ने कारागार की व्यवस्था की सराहना की। भैयादूज का पर्व कारागार स्टाफ की सतर्कता एवं सजगता से कुशलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। पूरी सुरक्षा व्यवस्था की गई है और उनकी कोशिश है कि एक भी बहन अपने भाई से बिना संदेश दिये न जाये।

भारतीय लाए गए गोले तिलक को पैकेट में पैक कराकर उनके भाइयों तक पहुंचाने का कार्य भी किया गया। जेल की व्यवस्था को बनाने के लिए सभी तरह के इंतजाम किए गए थे।