चकराता(देहरादून)। दशकों से सड़क निर्माण की राह देख रहे सीमांत क्षेत्रवासियों की मांग पूरी हो गई। सुदूरवर्ती क्षेत्र में बसे सैकडों ग्रामीणों की समस्या दूर करने को सरकार ने प्रस्तावित मुंडोली-डांगूठा मोटर मार्ग के निर्माण कार्य को हरी झंडी दे दी। पहले चरण में होने वाले नौ किमी सड़क निर्माण को शासन ने करीब तीस लाख बजट स्वीकृत किया है। इस मार्ग के बनने से कथियान से चकराता के बीच की दूरी घटकर 65 किमी कम हो जाएगी। सड़क बनने से जौनसार-बावर के तीन दर्जन से अधिक गांवों के सैकडों किसान-बागवानों और स्थानीय जनता को आवाजाही में आसानी रहेगी।
जौनसार-बावर में पर्यटन के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण माने जाने वाले चकराता-मुंडोली-डांगूठा मोटर मार्ग बनाने की मांग लंबे समय से की जा रही है। चकराता वन प्रभाग के आरक्षित वन क्षेत्र की सीमा से होकर गुजरने वाले इस मार्ग के कुछ हिस्से में निर्माण कार्य ब्रिटिशकालीन समय में किया गया था। चकराता के पास जंगलायत चौकी से खडंबा होकर मुंडोली के लिए पहले से बने 39 किमी लंबे वन विभाग के मुंडाली-चकराता मार्ग पर वाहनों की आवाजाही बहुत कम होती है। मुंडोली से आगे डांगूठा के बीच नौ किमी हिस्से में कोई सड़क नहीं होने से यहां सिर्फ वन विभाग और वन विकास निगम के वाहनों का संचालन होता है। सीमांत शिलगांव, बावर, कुनैन, लखौ खत व जौनसार से जुड़े तीन दर्जन से अधिक गांवों व तोक-मजरों में रह रहे सैकडों ग्रामीणों के लिए यह मार्ग सबसे नजदीक पड़ता है। स्थानीय ग्रामीण पिछले कई वर्षों से प्रस्तावित मुंडाली-डांगूठा मोटर मार्ग बनाने की मांग कर रहे हैं।
केंद्र औ राज्य सरकार से गुहार लगाने के बाद पटियूड़ निवासी सामाजिक कार्यकर्ता फतेह सिंह चौहान, महावीर सिंह, रतन सिंह आदि ने कुछ समय पहले वरिष्ठ भाजपा नेता और निदेशक एप्पल फेडरेशन उत्तराखंड प्रताप सिंह रावत से मुलाकात कर उन्हें समस्या बताई। निदेशक प्रताप रावत ने ग्रामीण जनता की इस समस्या को मुख्यमंत्री के सामने प्रमुखता से रखा। शासन स्तर पर लगातार पैरवी करने से उनकी मेहनत रंग लाई। ग्रामीण जनता की मांग पर सरकार ने प्रस्तावित मुंडाली-डांगूठा मार्ग निर्माण को हरी झंडी दे दी। मामले में सचिव उत्तराखंड शासन रमेश कुमार सुधांशु के निर्देशन में अनु सचिव दिनेश कुमार पुनेठा ने इस संबंध में प्रमुख अभियंता लोनिवि को आदेश जारी किए है। शासन ने पहले चरण में होने वाले नौ किमी लंबे प्रस्तावित मुंडाली-डांगूठा मोटर मार्ग के निर्माण कार्य को 29.97 लाख बजट स्वीकृत किया है।
निदेशक एप्पल फेडरेशन उत्तराखंड प्रताप रावत ने कहा इस मार्ग के बनने से सीमांत क्षेत्र के सैकडों ग्रामीण किसान व बागवानों को अपनी कृषि और अन्य सामान गांव से बाजार-मंडी लाने ले जाने में आसानी रहेगी। सड़क बनने से सैकडों स्थानीय जनता को चकराता आने-जाने के लिए 65 किमी की अतिरिक्त दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी। इससे ग्रामीणों को आवाजाही में बड़ी सुविधा और आसानी रहेगी। सड़क निर्माण को शासन स्तर से मंजूरी मिलने पर क्षेत्रवासियों ने खुशी जताई।
65 किमी कम होगी सड़क की दूरी
सीएम की घोषणा में शामिल प्रस्तावित मुंडोली-डांगूठा मोटर मार्ग बनने से चकराता की दूरी 65 कम हो जाएगी। चकराता ब्लॉक से जुड़े सबसे अंतिम छोर में बसे कथियान और शिलगांव क्षेत्र की सड़क दूरी 125 किमी है। स्थानीय ग्रामीण जनता को चकराता से कथियान-शिलगांव पहुंचने के लिए वाया त्यूणी होकर 125 से लेकर 140 किमी का लंबा सफर तय करना पड़ता है। प्रस्तावित उक्त मार्ग के बनने से यह दूरी घटकर 48 से 60 किमी रह जाएगी। इससे कथियान और शिलगांव क्षेत्र के सैकडों ग्रामीणों को चकराता आने-जाने के लिए 60 से 85 किमी की अतिरिक्त दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी।
इस मार्ग के बनने से कथियान, डांगूठा, पटियूड़, भूनाड़, ऐठान, छजाड़, हरटाड़, बगूर, डिरनाड़, ओवरासेर, भूठ, फनार, किस्तुड़, खादरा, सारनी, सैंज-कुनैन, पुरटाड़, बनियाना, खाटुवा समेत आसपास के तीन दर्जन से अधिक गांवों को आवाजाही में काफी आसानी रहेगी। सड़क बनने से सीमांत क्षेत्र के किसान और बागवान अपनी कृषि बड़ी आसानी से बाजार-मंडी ले जा सकेंगे। इससे उन्हें पहले मुकाबले गाड़ी भाड़ा कम देना पड़ेगा और घंटों का सफर कम समय में आसानी से पूरा जाएगा।