बर्दाश्त नहीं किया जाएगा किसान विरोधी नीतियों को: चौधरी राकेश टिकैत

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विकासनगर (देहरादून)। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी राकेश टिकैत ने कृषि कानूनों को किसान विरोधी बताया। उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों में संशोधन के अलावा कोई दूसरा फैसला किसानों को बर्दाश्त नहीं है। उन्होंने किसानों की आत्महत्या के मामलों को सरकारों की किसान विरोधी नीतियों का परिणाम बताया। उन्होंने कृषि कानूनों पर अपना विरोध जारी रखने की बात भी कही।

 सेलाकुई में अयोजित किसान पंचायत में चौधरी राकेश टिकैत ने उत्तराखंड के किसानों की समस्याओं पर सरकार को जगाने की बात कही । उन्होंने कहा कि भारतीय किसान यूनियन प्रदेश के किसानों की समस्याओं के लिए सरकार से बात करेगी। पंचायत में कृषि कानूनों को लेकर चौधरी टिकैत केंद्र सरकार पर जमकर बरसे, उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों के शोषण के लिए ऐसे कानून बनाए हैं, जिससे किसान परेशान होंगे। किसान यूनियन इस प्रकार के किसी भी कानून के विरोध में है, सरकार को कानून में संशोधन करने होंगे। कहा कि छोटे व मंझोले किसान प्रभावित होंगे, इस किसान विरोधी नीति से किसानों के सामने खेती करना मुश्किल भरा होगा। 

उन्होंने कहा कि सरकारी नीतियों से परेशान होकर ही देशभर में किसान आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं, सरकारों को किसानों की स्थिति को समझर ही कदम उठाने चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों को लाभ देने के लिए सरकारों को किसान टूरिज्म विलेज स्थापित करने चाहिएं। इसके अलावा दूध का मूल्य भी सरकार को निर्धारित करना चाहिए। कहा कि किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए सरकार को कार्य योजना बनाकर काम करने की आवश्कयता है। इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार को चेतावनी भी दी कि यदि कृषि कानून में संशोधन नहीं किया गया तो भाकियू उग्र आंदोलन करेगी। पंचायत में भाकियू के प्रदेश अध्यक्ष युद्धवीर सिंह, प्रदेश प्रभारी अनुज तोमर, मंडल अध्यक्ष संजय चौधरी ने भी पंचायत को संबोधित किया।