उत्तराखंड में मशरूम की खेती से 20 हजार बेरोजगारों को जोड़ने का लक्ष्य…

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देहरादून। प्रदेश सरकार कोरोना काल के दौरान अन्य राज्यों से घर लौटे प्रवासियों को रोजगार से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री मशरूम विकास योजना शुरू करने जा रही है। इसका मकसद 20 हजार युवाओं को मशरूम की खेती से जोड़ना है। इसके अलावा सरकार औद्योगिक भांग की खेती के लिए भी नियमावली बनाने की दिशा में कदम उठा रही है।

कृषि एवं उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल ने गुरुवार को विधानसभा में विभागीय अधिकारियों के साथ औद्योगिक भांग और मशरूम की खेती के संबंध में विचार विमर्श किया। बैठक के बाद पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश में मशरूम उत्पादन की अपार संभावनाएं हैं। इससे नौजवानों को स्वरोजगार से जोड़ा जा सकता है। नौजवानों की बेरोजगारी दूर कर उन्हें आर्थिकी से जोड़कर पलायन करने से रोका जा सकता है। 

हॉर्टिकल्चर मिशन के तहत कई ऐसी योजनाएं हैं, जो स्वरोजगार के लिए बनाई गई हैं। इसमें अधिक से अधिक युवाओं को जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मशरूम की खेती को बढ़ावा देने के लिए अभी तक इसमें मिलने वाली छूट को और बढ़ाने पर विचार चल रही है। भांग की खेती पर कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश में इसकी अपार संभावनाएं हैं। उत्पादक इसके लिए लगातार संपर्क कर रहे हैं। 

किसान भी इसकी खेती शुरू करना चाहते हैं। इस पर लंबे समय से चर्चा तो हो रही है लेकिन इसकी कोई नियमावली न होने के कारण इस दिशा में बहुत अधिक काम नहीं हो पाया है। अब विभाग को इसकी नियमावली बनाने को कहा गया है कि किस तरह से भांग की खेती शुरू की जा सके। इससे राज्य के साथ ही किसानों की आर्थिकी भी मजबूत होगी।