गाजियाबाद। हाथरस केस से आहत होकर साहिबाबाद के करहेड़ा गांव में कुछ लोगों के कथित तौर पर बौद्ध धर्म अपनाने के मामले को लेकर हड़कंप मच गया। बौद्ध धर्म अपनाने वाले वाल्मीकि समाज के लोगों का दावा है कि उन्होंने बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के पड़पोते, राजरत्न अंबेडकर की मौजूदगी में बौद्ध धर्म की दीक्षा ली है। इधर मामले की जानकारी मिलते ही लाधिकारी अजय शंकर पांडेय एवं एसएसपी कलानिधि नैथानी मौके पर पहुंचे और उनकी समस्याओं को सुना। डीएम ने उन्हें सभी समस्याओं के जल्द समाधान का आश्वासन दिया है।
जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय ने पीड़ित परिवारों से मिलने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्होंने पीड़ित परिवारों से बातचीत की, उन्होंने कुछ स्थानीय समस्याएं बताई हैं,जिनका शीघ्र समाधान कराया जाएगा। पीड़ित परिवारों का कहना है कि वह प्रशासन के साथ हैं और लाधिकारी पर पूरा विश्वास है। दूसरी तरफ प्रशासनिक सूत्रों ने बताया कि 14 अक्टूबर को इलाके में रहने वाले वाल्मीकि समाज के 236 लोग एकजुट हुए और उन्होंने बाबा साहेब अंबेडकर के पड़पोते, राजरत्न अंबेडकर की मौजूदगी मेंबौद्ध धर्म की दीक्षा ली थी।

इन लोगों का कहना है कि वह हाथरस केस के बाद से आहत हैं। इसलिए वाल्मीकि समाज के 50 परिवारों के 236 और कुछ अन्य दलित समाज के लोगों ने बौद्ध धर्म अपना लिया है। दूसरी तरफ हाथरस केस को लेकर हाथरस, अलीगढ़ सहित आसपास के कई इलाकों में सवर्णों की भी पंचायतें हो चुकी हैं। इन पंचायतों में आरोपियों को झूठा फंसाने की बात कही जा रही थी। पंचायतों के बाद ही आरोपियों की तरफ से नवागत एसपी सिटी हाथरस विनीत जायसवाल को चिट्ठी लिखी गई थी।
इस मौके पर पीड़ित परिवारों का कहना है कि जातिप्रथा की समस्या, नौकरी, बच्चों की पढ़ाई, बेरोजगारी आदि का प्रशासन द्वारा एक हफ्ते में समाधान कराया जाता है तो इस मामले में सोचेंगे। हालांकि, उनका कहना है कि वह प्रशासन के साथ हैं।