गाजियाबाद। कोरोना संक्रमण के बीच डेंगू और मलेरिया का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। सोमवार को डेंगू के पांच और मामले की पुष्टि की गई, जिसके बाद जिले में डेंगू मरीजों की संख्या 20 हो गई हैं। मलेरिया के मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग इन दोनों गंभीर बीमारियों को और से आंखें मूंदे बैठा है। शासन के निर्देश पर चलाए गए संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत भी केवल कागजी कार्रवाई की गई।
मच्छर जनित रोगों की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग की और से किसी तरह के प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। जुलाई में शुरू होने वाला संचारी रोग नियंत्रण अभियान कोरोना के चलते अक्टूबर में चलाया गया और उसे भी केवल कागजों में ही पूरा कर दिया गया। अभियान के तहत डोर-टू-डोर जागरूकता कार्यक्रम करने और डेंगू मलेरिया बचाव की जानकारी देने की जगह केवल घरों पर स्टीकर लगाकर अभियान को पूरा कर दिया गया। दवा के छिड़काव और फॉगिंग को लेकर ना तो कोई प्लानिंग की गई और ना ही प्रभावित क्षेत्रों में इसका प्रयोग किया गया।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से डेंगू और मलेरिया की सैंपलिंग भी नहीं की जा रही है। केवल शिकायत के आधार पर ही विभाग की टीम सैंपल लेने जाती है। सोमवार को विभाग की और से सीबीआई अकादमी में टेस्टिंग की गई। यहां पांच पॉजिटिव मामले मिले। इससे पहले सरकारी स्तर पर 15 मामलों की पुष्टि की गई थी। विभागीय सूत्रों का कहना है कि निजी लैब डेंगू और मलेरिया की जांच कर रही हैं, जबकि सरकारी लैब में डेंगू, मलेरिया के सैंपल लिए ही नहीं जा रहे हैं। वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत घरों पर स्टीकर लगाकर लोगों को जागरूक किया गया।
डेंगू और मलेरिया की रोकथाम के लिए जरूरी प्रयास किए जा रहे हैं। कोरोना के चलते कर्मचारियों की कमी के चलते टेस्टिंग ज्यादा नहीं हो पा रही है, लेकिन संदिग्धों की जांच के निर्देश दिए गए हैं।