चम्पावत :- तो क्या शासन ने चम्पावत के पॉलीटेक्निक कॉलेज को बंद करने की तैयारी कर ली है। आजकल यह सवाल सबके मन में जोरशोर से उठ रहा है। इसके पीछे की वजह यह है कि यहां के कॉलेज में अध्ययनरत विद्यार्थियों से दूसरे संस्थानों के विकल्प मांगे जा रहे हैं। इस वजह से माना जा रहा है कि अब पॉलीटेक्निक कॉलेज के बंद होने की दिन आ गए हैं।
चम्पावत का पॉलीटेक्निक कॉलेज 2014 में खुला था। गोरल चौड़ स्थित नगरपालिका के भवन में किराये पर चल रहा है। कोतवाली के पास चौड़ासेठी गांव में कॉलेज की नई बिल्डिंग भी बन रही है। बावजूद इसके बंद होने को लेकर लोगों में रोष पनप रहा है। चौड़ासेठी गांव में करीब दो करोड़ रुपये से बना पॉलीटेक्निक भवन अभी हस्तांतरित नहीं हुआ है, लेकिन इस भवन को डिग्री कॉलेज को देने के 22 मई को आदेश जारी किए गए थे।
पॉलीटेक्निक में इस वक्त सिर्फ एक ट्रेड (इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन) संचालित हो रहा है, जिसमें 15 छात्र हैं। पढ़ाने के लिए दस अनुदेशकों सहित कुल 12 कर्मी हैं।
प्रभारी प्राचार्य रोहित जोशी के मुताबिक निदेशालय से मिले पत्र के मुताबिक पॉलीटेक्निक के विद्यार्थियों से राज्य के दस संस्थानों के विकल्प देने को कहा गया है। ताकि वे आगे की पढ़ाई उस संस्थान से कर सके। गौरतलब है कि चम्पावत जिले में बीते सात वर्षों में टनकपुर और चम्पावत में पॉलीटेक्निक खोले गए। वहीं लोहाघाट के पॉलीटेक्निक कॉलेज को 1978 में खोला गया था।
प्रभारी प्राचार्य रोहित जोशी के मुताबिक निदेशालय से मिले पत्र के मुताबिक पॉलीटेक्निक के विद्यार्थियों से राज्य के दस संस्थानों के विकल्प देने को कहा गया है। ताकि वे आगे की पढ़ाई उस संस्थान से कर सके। गौरतलब है कि चम्पावत जिले में बीते सात वर्षों में टनकपुर और चम्पावत में पॉलीटेक्निक खोले गए। वहीं लोहाघाट के पॉलीटेक्निक कॉलेज को 1978 में खोला गया था।