बाबरी विध्वंस केस: 28 साल बाद मामले में आज आएगा आख़री फैसला, यूपी में बढ़ाई गई सुरक्षा

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अयोध्या:- 6 दिसंबर, 1992 को अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाए जाने के आपविशेष जज सुरेंद्र कुमार यादव आज फैसला सुनाएंगे। मामले के विशेष जज सुरेंद्र कुमार यादव के कार्यकाल का यह अंतिम फैसला होगा। सीबीआई के वकील ललित सिंह के मुताबिक यह उनके न्यायिक जीवन में किसी मुकदमे का सबसे लंबा विचारण है।

वह इस मामले में वर्ष 2015 से सुनवाई कर रहे हैं इन 28 सालों में इस मामले में कई सुनवाई हुई लेकिन आज वो घड़ी आ ही गई जब इस मामले में जज अपना फैसला सुनाएंगे। ।

मामले में फैसला सुनाने से पहले सभी संवेदनशील जिलों में सुरक्षा प्रबंध और मजबूत करने के लिए अतिरिक्त रूप से 70 कंपनी पीएसी तैनात कर दी गई है। पुलिस अफसरों को लगातार भ्रमणशील रहकर शांति व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं।

सोशल मीडिया की भी सघन निगरानी कराई जा रही है। जिलों के अलावा डीजीपी मुख्यालय के स्तर से भी सोशल मीडिया को मॉनीटर किया जा रहा है। छोटी-छोटी घटनाओं को बेहद गंभीरता से लेने और हर सूचना पर तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।

अयोध्या के डीआईजी/एसएसपी दीपक कुमार ने बताया कि बुधवार को जिले में किसी भी तरह के जुलूस आदि पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा। कोविड-19 के प्रोटोकॉल के तहत सोशल डिस्टेंसिंग का भी सख्ती से पालन कराया जाएगा। जिले में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

हाईकोर्ट के पुराने परिसर में स्थित सीबीआई की विशेष अदालत अयोध्या प्रकरण के जज सुरेंद्र कुमार यादव सुबह दस बजे अपना फैसला सुनाएंगे। विशेष अदालत ने लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी व कल्याण सिंह समेत सभी 32 अभियुक्तों को उपस्थित रहने को कहा है। हालांकि कोरोना के चलते इनमें कुछ अभियुक्तों के हाजिर ना होने की संभावना है।

इस मामले में सीबीआई व अभियुक्तों के वकीलों ने करीब आठ सौ पन्ने की लिखित बहस दाखिल की है। इससे पहले सीबीआई ने 351 गवाह और करीब 600 से अधिक दस्तावेजी साक्ष्य पेश किए हैं। लिहाजा इसके मद्देनजर अदालत का फैसला भी करीब दो हजार पन्ने का हो सकता है। 30 सितंबर, 2019 को सुरेंद्र कुमार यादव जिला जज, लखनऊ के पद से सेवानिवृत्त हुए थे लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें फैसला सुनाने तक सेवा विस्तार दिया था। इस मामले में 49 लोगों को अभियुक्त बनाया गया है। इसमें से 17 की मौत हो चुकी है।

अभी तक विनय कटियार, डॉ रामविलास दास समेत कई अभियुक्त कोर्ट पहुँच चुके है। हालांकि कोर्ट में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती कल्याण सिंह, नृत्य गोपाल दास और सतीश प्रधान ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए कोर्ट में हाजिर ना हो पाने के लिए माँफी मांगी है। आडवाणी, जोशी और उमा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए फैसला सुनेंगे।